राज एक्सप्रेस। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वर्ष 2012 के 'निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड' मामले के 4 दोषियों को 7 साल बाद आज शुक्रवार को भी मौत की सजा देने को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन की याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर नया व तीसरा डेथ वारंट जारी करने से साफ इंकार कर दिया है।
कोर्ट का कहना :
चारों दोषियों को फांसी देने के मामले पर कोर्ट का यह कहना है कि, ''जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है।'' इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि, केवल अटकलों और अनुमानों के आधार पर डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता है।
डेथ वारंट जारी नहीं करना नाइंसाफी :
वहीं, पीड़ित की मां आशा देवी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ''आज कोर्ट के पास ताकत और हमारे पास वक्त है। कुछ भी लंबित नहीं है, फिर भी डेथ वॉरंट जारी नहीं हुआ। यह हमारे साथ नाइंसाफी है। जब तक कोर्ट दोषियों को वक्त देता रहेगा और सरकार उन्हें सपोर्ट करती रहेगी, मैं इंतजार करूंगी।''
दोषियों के पास बचा सिर्फ यह विकल्प :
बता दें कि, निर्भया केस के तीन दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश शर्मा के क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका जैसे विकल्प खत्म हो चुके हैं। अब सिर्फ एक दोषी पवन गुप्ता के पास ही क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दायर करने का विकल्प बचा हुआ है और वो भी उसे 11 फरवरी तक इस्तेमाल करना होेगा। हालांकि, इससे पहले दो बार फांसी की सजा टल चुकी है, जानें क्या थीं वजह...
कोर्ट द्वारा सबसे पहले जो डेथ वारंट जारी किया था उसके अनुसार 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में दोषियों को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित रहने के कारण यह सजा टल गई थी।
इसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख 1 फरवरी तय की, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी कि, अभी भी इनके कानूनी विकल्प पूरी तरह खत्म नहीं हुए।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।