गुजरात सरकार ने दी रथयात्रा को मंजूरी,कर्फ्यू के बीच निकलेगी भगवान की सवारी

अहमदाबाद, गुजरात : गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने आज पत्रकारों को बताया कि 144 वीं रथ यात्रा के 12 जुलाई के आयोजन को राज्य सरकार ने शर्तों के साथ मंजूरी दी है।
गुजरात सरकार ने दी रथ-यात्रा को मंजूरी
गुजरात सरकार ने दी रथ-यात्रा को मंजूरीसांकेतिक चित्र

अहमदाबाद, गुजरात। गुजरात सरकार ने अहमदाबाद के ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर की सालाना रथ यात्रा को इस बार कई शर्तों के साथ निकालने की मंजूरी दे दी है। ओडिशा की पुरी की रथ यात्रा का बाद देश में दूसरी सर्वाधिक इस रथ यात्रा के 143 वें वार्षिक संस्करण का पिछले साल कोरोना के चलते गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनज़र आयोजन नहीं हो सका था।

गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने आज पत्रकारों को बताया कि 144 वीं रथ यात्रा के 12 जुलाई के आयोजन को राज्य सरकार ने शर्तों के साथ मंजूरी दी है। कऱीब 14 किमी लम्बे यात्रा मार्ग के पूरे इलाक़े में यानी सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान प्रसाद वितरण नहीं होगा। अहले सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हर साल की तरह मंगला आरती में भाग लेंगे। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीन रथनुमा वाहन और मंदिर महंत का वाहन समेत केवल पांच वाहन ही भाग ले सकेंगे। इस दौरान ट्रकों, भजन मंडलियों, अखाड़ाओं, हाथी आदि को भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। रथ को खींचने वाले खलासियों के लिए पूर्ण में कम से कम टीके की एक डोज़ और अधिकतम 48 घंटे पुराना नेगेटिव कोरोना आरटी पीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।

रथ यात्रा की शुरुआत से पहले मंदिर में सोने की झाड़ू लगाने की पहिंद विधि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल करेंगे। पूरी यात्रा कोरोना प्रोटकाल के अनुरूप होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब राज्य सरकार कोरोना की तीसरी लहर को टालने के लिए पूर्व प्रबंध में लगी है, रथ यात्रा को इस तरह से आयोजित किया जा रहा है। रथ यात्रा मार्ग पर पुलिस की व्यापक व्यवस्था और तैनाती होगी।

ज्ञातव्य है कि गुजराती कैलेंडर के हिसाब से आषाढ़ी बीज यानी आषाढ़ माह की दूसरी तिथि को निकलने वाली अहमदाबाद की रथ यात्रा में आम दिनों में लाखों श्रद्धालु शिरकत करते हैं। यात्रा पुराने शहर के जमालपुर स्थित मंदिर से अहले सुबह निकल कर सरसपुर में भगवान के मौसा के घर जाती है और दोपहर को वह थोड़ी देर विश्राम (जब वह लाखों लोगों को भोजन जैसा प्रसाद दिया जाता है) के बाद देर शाम तक वापस लौटती है। इस दौरान लाखों लोगों का हुजूम सड़क पर रहता है। यात्रा मार्ग के साम्प्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील होने के कारण सुरक्षा के लिए हजारों पुलिस कर्मियों और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती भी की जाती है। पूर्व में रथ यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा की भी घटनायें होती रही हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com