प्रियंका की योगी को चिट्ठी,गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को दें राहत
प्रियंका की योगी को चिट्ठी,गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को दें राहतKratik Sahu-RE

प्रियंका की योगी को चिट्ठी,गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को दें राहत

कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को पत्र लिखकर ,गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को राहत देने का सुझाव दिया है।

राजएक्सप्रेस। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सुझाव दिया है कि कोरोना संकट के कारण तमाम वित्तीय समस्यायों का सामना कर रहे गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को राहत देने की पहल की जानी चाहिये। प्रियंका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना महामारी से जनजीवन प्रभावित है। हर वर्ग के ऊपर भयंकर आर्थिक मार पड़ी है। किसान, गरीब और मजदूर वर्ग विकट स्थिति में पहुँच गए हैं। आर्थिक संकट ने मध्य वर्ग और सामान्य नौकरीपेशा लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कारोबारी और व्यापारी वर्ग के ऊपर अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए इन वर्गों की मदद करना अनिवार्य हो गया है।

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए घर के लोन की ईएमआई चुकाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार को चाहिये कि घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य कर दिया जाय और ईएमआई जमा करने की बाध्यता को अगले छह महीनों के लिए स्थगित किया जाय।

महासचिव ने कहा कि किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ किए जायें। उनके बकाया बिजली बिलों पर भी पेनल्टी व ब्याज माफ किए जायें। किसानों के लोन पर भी चार महीने का ब्याज माफ हो। उनके किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लोन पर कटी हुई आरसी पर तुरंत रोक लगायी जाए और उस पर भी पेनल्टी और ब्याज माफ किया जाए।

उन्होंने कहा कि किसानों की सम्पूर्ण फसल खरीदने की गारंटी की जाए। गन्ना सहित सारे भुगतान तुरंत किए जायें। शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक, पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मी जो कोरोना संकट में हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इन्हें एक प्रोत्साहन राशि दी जाये और एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए जिससे वो अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें तथा और अधिक मेहनत व लगन से काम करें।

प्रियंका ने लिखा कि लाकडाउन में छोटे उद्योग, दस्तकारी, बुनकरी और कुटीर उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। छोटे और मंझोले उद्योग उप्र की आर्थिक रीढ़ हैं। लाखों परिवारों की रोजी-रोटी इनसे जुड़ी हुई है। आज ये भयंकर दबाव में हैं। माँग और आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प है। मुख्यमंत्री से गुजारिश है कि छोटे मंझोलों उद्योगों का बैंक लोन माफ किया जाए। लोन माफी के फैसले से ये दिवालिया होने से बच जाएँगे। इनके बिजली के बकाया बिलों पर भी उदारतापूर्वक विचार कर उन्हें राहत देने की घोषणा की जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक बड़ी आबादी बुनकरी से जुड़ी हुई है। इस महामारी में उनका पूरा कारोबार चौपट हो गया है। बुनकरों को तत्काल राहत पहुंचाने की जरूरत है। बुनकरों के बिजली के बिल माफ किया जाएँ और प्रत्येक बुनकर परिवार को प्रतिमाह 12 हजार रुपया क्षतिपूर्ति राशि दिया जाए। इसी तरह कालीन कारोबारियों और कारीगरों को आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है। इनके बैंक कर्ज माफ किये जायें।

प्रियंका ने कहा कि लखनऊ चिकन उद्योग ने देश-विदेश में यूपी का नाम रोशन किया है। नोटबंदी और जीएसटी की मार झेल रहे चिकन उद्योग को इस तालाबंदी के चलते भारी चोट लगी है। चिकन उद्योग में लगे हर परिवार को न्यूनतम 12 हजार रुपया प्रतिमाह दिया ताकि वे जीवन-यापन कर सकें।

मुख्यमंत्री भेजे गए पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश का काँच उद्योग, पीतल उद्योग, फर्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी, अन्य घरेलू और लघु उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। इनकी समीक्षा होनी चाहिए ताकि इन्हें फिर से शुरू करने में आर्थिक मदद की जा सके। लघु और कुटीर उद्योगों के लिए बुनियादी और जरूरी कदम उठाएँ। लॉकडाउन की मार झेल रहे इन उद्योगों के पास अब इतनी आर्थिक क्षमता नहीं है कि वो लम्बे समय तक खड़े रह पाएँ। छोटे व्यापारियों की मदद करना हर नजरिए से बहुत आवश्यक हो गया है।

उन्होंने पत्र में कहा है कि यह सिर्फ उनके व्यापार व परिवार की भलाई की बात नहीं है बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये प्रदेश के आर्थिक जीवन के मजबूत स्तंभ हैं। ये कमजोर हुए, ये गिरे तो नुकसान प्रदेश का होगा। इन्हें सम्भालने के लिए हमें और आपको आगे आना ही होगा।

पत्र की शुरुआत में पार्टी महासचिव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता की मृत्यु पर शोक संवेदना जताते हुये लिखा है कि ''आपके पिता के निधन के बाद मैं पहली बार आपको पत्र भेज रही हूँ। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति दें।"

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकलन्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया हैं। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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