राज एक्सप्रेस। कई बार आपने यह सुना होगा कि, कई शहरों में आज भी लड़की के जन्म होते ही उसे मार दिया जाता है, लेकिन कहा तो यह भी जाता है कि, किस्मत वालों के घर मेें बेटियों का जन्म होता है और उसी घर में लक्ष्मी आती है, जिस घर में बेटियां हो उस घर का पिता राजा कहलाता है, क्योंकि पारियों को पालने की औकात हर किसी की नहीं होती।
आप अधिकतर न्यूज चैनलों व अखबारों में देखते व सुनते ही होंगे कि, एक तरफ हर क्षेत्र में देश की लड़कियां परचम लहरा रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लड़कियां आज भी कुप्रथाओं और अंधविश्वासों का शिकार हो रही हैं। समाज की बात करें तो आज भी बेटा-बेटी या कहे लड़का-लड़की को लेकर असमानताएं फैली हैं, इन सब के चलते जागरूकता फैलाने के लिए आज का दिन बहन-बेटियों के नाम समर्पित है, जिसे आज के दिन अर्थात 24 जनवरी को 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' (National Girl Child Day 2020) के रूप में मनाया जाता हैै।
लड़केे-लड़कीयों को समान अधिकार :
वैसे तो हमारे देश में लड़केे-लड़कीयों को एक-दूसरे से अलग नहीं माना जाता है, दोनों में कोई भेदभाव नहीं करने की बात की जाती हैै, दोनों को समान अधिकार दिए जाते हैं, लेकिन फिर भी यह पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि अभी भी कुछ बेटियां दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और बलात्कारों जैसी बड़ी समस्याओं की शिकार हो रही हैं। आए दिन कम उम्र तक की मासूम बच्चियां भी गैंगरेप जैसी घटनाओं से जूझ रही हैं। इन सबके चलते भारत सरकार द्वारा बेटियों के लिए कई योजनाएं भी लागू की गई हैं, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कई अभियान भी चलाए जाते हैं और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस?
देश में लड़कियों के जन्म से लेकर उनकी परवरिश तक मतभेद किया जाता है, इसके प्रति और जागरूकता फ़ैलाने के लिए कांग्रेस के शासन काल के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 से 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाना शुरू किया गया, तभी से हर वर्ष के पहले माह जनवरी की 24 तारीख को देशभर में 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है। इस दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम कर बालिका बचाओ और बालिकायों के प्रति भेदभाव दूर करो के संदेश दिए जाते हैं।
स्मृति ईरानी ने बेटियों की फोटो शेयर कर दिया संदेश :
इस खास दिन पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बेटियों की तस्वीरों के साथ यह संदेश दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर बेटियों व पति के साथ फोटो कोलाज शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा- उन्हें अपनी बेटियों पर बेहद नाज है, बड़ी बेटी लॉयर है, जबकि छोटी भी बड़ी बहन के नक्शेकदम पर आगे बढ़ रही है।
इस खास मौके पर सिर्फ स्मृति इरानी ही नहीं बल्कि तमाम लोगों ने कई पोस्ट्स किए हैं जिनमें सामान अधिकार, कानूनी अधिकार, शिक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य और पोषण समेत कई अहम विषयों पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया है।
वेंकैया नायडू ने दी शुभकामनाएं :
वहीं, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' के अवसर पर देश की बेटियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ एक सामाजिक दर्शन, सामाजिक अभियान है, हमारा संवैधानिक संकल्प है।
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