Nirbhaya Gangrape Case
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निर्भया गैंगरेप दोषी कानून से कर रहे खिलवाड़

निर्भया गैंगरेप केस दोषी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की, तो वहीं दोषी विनय शर्मा आज राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने वाला है।

हाइलाइट्स :

  • दोषी अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की

  • दोषी विनय शर्मा आज राष्ट्रपति के पास भेजेगा दया याचिका

  • निर्भया के दोषी फांसी से बचने के लिए आज़मा रहे हैं एक के बाद एक तिकड़में

राज एक्‍सप्रेस। राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली में वर्ष 2012 का निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) अभी तक सुखियों में है। इस केस के दोषी फांसी की सजा से बचने के लिए कानून के सहारे एक से एक तिकड़में आज़मा रहे हैं। अब इसी मामले के दोषी अक्षय कुमार सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है, तो वहीं दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। क्यूरेटिव याचिका पर अदालत आज बुधवार को अपना फैसला सुना सकती है।

दोषी कानून से कर रहे खिलवाड़ :

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषी कानून से खिलवाड़ कर रहे हैं, क्‍योंकि यह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर कर फांसी की सजा से बचना चाहते हैं। दोषी अक्षय कुमार सिंह से पहले दो दोषियों विनय और मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट द्वारा यह याचिका खारिज हो चुकी है।

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस याचिका पर मुकेश कुमार सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद कहा कि, इस पर निर्णय बुधवार को सुनाया जायेगा।

चारों दोषियों के पास बचा है सिर्फ यह विकल्‍प :

  1. दोषी मुकेश सिंह के पास अब सिर्फ एक विकल्‍प यह बचा था कि, वह राष्‍ट्रपति भवन द्वारा खारिज की गई याचिका को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है और इसी पर आज फैसला आने वाला है।

  2. दोषी अक्षय कुमार ठाकुर द्वारा दायर की गई क्‍यूरेटिव पिटीशन पर आज फैसला आ सकता है, अगर यह याचिका खारिज हो जाती है, तो वह दया याचिका और इस याचिका पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है।

  3. दोषी विनय शर्मा द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजी गई याचिका पर फैसला आना बाकी है, अगर यह याचिका भी खारिज हो जाती है, तो वह हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है।

  4. दोषी पवन गुप्‍ता के पास क्‍यूरेटिव पिटीशन, दया याचिका और इस याचिका पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है।

आखिर क्या है क्यूरेटिव पिटीशन?

क्यूरेटिव पिटीशन मुजरिम के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, यानी दोषियों को कानून के तरफ से मिलने वाला एक अधिकार है। यह पिटीशन तब दाखिल की जाती है, जब दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका एवं सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाती है। ऐसे में वह मुजरिम इस कानून के अधिकार के तहत अपनी सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है।

क्‍या है मामला?

दरअसल, वर्ष 2020 के दिसंबर माह में 23 साल की निर्भया के साथ 6 दरिंदों ने दुष्कर्म करने के बाद उसे बुरी तरह से घायल कर चलती बस से बाहर फेंक कर फरार हो गए। हालांकि, इसके बाद 13 दिन तक मौत से लड़ने के बाद निर्भया ने 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया था, हालांकि इस केस को 7 साल बीत चुके हैं।

जब इस निर्भया केस के आरोपियों की शिनाख्त की गई, तो इस जघन्य अपराध में एक 14 साल का नाबालिग और बाकी 5 दोषी 'राम सिंह, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर' थे, जिसमें से 11 मार्च, 2013 को इस केस के मुख्य अपराधी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी और एक आरोपी नाबालिग था, तो उसे तीन साल किशोर सुधार गृह में रहने की सजा दी गई थी। इसके अलावा बचे 4 आरोपियों को अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई गयी है, इन दो‍षियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में फांसी होनी है।

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