UP के प्रयागराज में महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में PM मोदी ने दी यह बड़ी सौगात
उत्तर प्रदेश, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फिर उत्तर प्रदेश के दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान प्रयागराज में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद PM मोदी महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस अवसर पर PM मोदी ने प्रयागराज में 1.60 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 1,000 करोड़ रूपए व CM कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों को 20 करोड़ रूपए का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।
टेक होम राशन प्लांटों का PM ने किया शिलान्यास :
इसके अलावा प्रयागराज में PM मोदी ने रिमोट का बटन दबा कर 202 विकास खंडों में टेक होम राशन प्लांटों का शिलान्यास कर महिलाओं को उद्यमी बनाने की दिशा में बड़ी पहल की।उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण सम्मेलन के दौरान PM मोदी ने अपना संबोधन भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा- पिछले वर्ष फरवरी में हम कुंभ में प्रयागराज की पवित्र भूमि पर आए थे, तब संगम में डुबकी लगाकर अलौकिक आनंद का अनुभव प्राप्त किया। तीर्थ राज प्रयाग की ऐसी पावन भूमि को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक माँ गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है। आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है।
उत्तर प्रदेश में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है। अभी मुझे यहां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 1 लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ो रूपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी ने बताया- यूपी सरकार ने बैंक सखियों के ऊपर 75 हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की जिम्मेदारी सौंपी हैं। 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार गांवों में रहने वाली मेरी बहनें-बेटियां कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी। डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है।
बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया। आज परिणाम ये है कि, देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है।
प्रसव के बाद भी बिना चिंता के अपने बच्चे की शुरुआती देखरेख करते हुए मां अपना काम जारी रख सके। इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 6 महीने किया गया है।
आज हमारी सरकार की योजनाएं, इस असमानता को भी दूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं।
दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा। घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। खेत हैं तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का।
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