असम में PM मोदी ने 7 नए कैंसर अस्पतालों का लोकार्पण कर दी बड़ी सौगात
असम, भारत। असम में डिब्रूगढ़ के खनिकर मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 नए कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन और शिलान्यास कर देशवासियों को बड़ी सौगात दी है।
असम में 7 नए कैंसर अस्पतालों का लोकार्पण किया गया :
असम में कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन और शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा- आज इस ऐतिहासिक नगर से मैं असमिया गौरव, असम के विकास में अपना योगदान देने वाली, यहां की सभी महान संतानों का स्मरण करता हूं और आदरपूर्वक उन सभी को नमन करता हूं। आज यहां असम के 7 नए कैंसर अस्पतालों का लोकार्पण किया गया है। एक जमाना था कि 7 साल में एक भी अस्पताल खुल जाए तो बहुत बड़ा उत्साह माना जाता है। आज वक्त बदल गया है एक दिन में एक राज्य में 7 अस्पताल खुल रहे हैं।
आज अस्पताल आपके पास है, लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि असम के लोगों को कभी अस्पताल जाना पड़े। मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। आपके परिवार के किसी भी व्यक्ति को अस्पताल जाना ही न पड़े और मुझे खुशी होगी की हमारे बनाए सारे अस्पताल खाली पड़े रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
हमारी सरकार ने 7 चीजों पर बहुत फोकस किया :
PM मोदी ने कहा- अगर जरूरत पड़ ही जाए तो असुविधा के कारण मौत से मुकाबला करने की नौबत नहीं आनी चाहिए। इसलिए आपकी सेवा के लिए हम तैयार रहेंगे। असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे सबसे अधिक प्रभावित हमारा गरीब होता है, मध्यम वर्ग का परिवार होता है। कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीज़ों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इससे एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ता था। गरीब और मिडिल क्लास की इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम यहां उठाए गए हैं, उसके लिए मैं सर्बानंद सोनोवाल जी, हेमंता जी और टाटा ट्रस्ट को बहुत साधुवाद देता हूं। हमारी सरकार ने सात चीजों- या स्वास्थ्य के सप्तऋषियों पर बहुत फोकस किया है।
पहली कोशिश ये है कि, बीमारी की नौबत ही नहीं आए। इसलिए Preventive Healthcare पर हमारी सरकार ने बहुत जोर दिया है। ये योग, फिटनेस से जुड़े कार्यक्रम इसलिए ही चल रहे हैं।
इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारी सरकार अभूतपूर्व निवेश कर रही है। हमने देखा है कि आजादी के बाद से ही जितने भी अच्छे अस्पताल बने वो बड़े शहरों में बने, लेकिन 2014 के बाद हमारी सरकार इस स्थिति को बदल रही है।
चौथा प्रयास - गरीब को अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले। इसके लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है।
हमारा पांचवा फोकस इस बात पर है कि, अच्छे इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता कम से कम हो।
हमारी सरकार का छठा फोकस इस बात पर भी है कि, डॉक्टरों की संख्या में कमी को दूर किया जाए। बीते सात साल में MBBS और PG के लिए 70 हजार से ज्यादा नई सीटें जुड़ी हैं। हमारी सरकार ने 5 लाख से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स को भी एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर माना है।
हमारी सरकार का सातवां फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का है। सरकार की कोशिश है कि इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति हो, इलाज के नाम पर होने वाले दिक्कतों से मुक्ति मिले। इसके लिए एक के बाद एक योजनाएं लागू की गई हैं।
बीते वर्षों में कैंसर की अनेकों ऐसी जरूरी दवाएं हैं, जिनकी कीमतें लगभग आधी हो गई हैं। इससे हर वर्ष कैंसर मरीजों के लगभग 1,000 करोड़ रुपये बच रहे हैं प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रो के माध्यम से 900 से अधिक दवाएं सस्ते में उपलब्ध हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी ने बताया कि, ''केंद्र और असम सरकार चाय बगानों में काम करने वाले लाखों परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी है। मुफ्त राशन से लेकर हर घर जल योजना के तहत जो भी सुविधाएं हैं, असम सरकार उनको तेज़ी से चाय बगानों तक पहुंचा रही है।''
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