उत्तर प्रदेश: कानपुर पुलिस पर गुंडों ने बरसाईं गोलियां-पुलिसकर्मी शहीद
उत्तर प्रदेश, भारत। देश में फैली कोरोना वायरस की महामारी के दौर में आपराधिक घटनाएं कम नहीं हो रही हैं, इस तहर ही कुछ न कुछ घटनाएं सामने आ ही रही हैं। अब हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर बड़े हमले की खबर सामने आ रही हैं।
हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद :
बताया गया है कि, उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात करीब एक बजे दबिश देने गई पुलिस की एक टीम पर अचानक बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चला कर, उनपर हमला बोला, इस दौरान डीएसपी देवेंद्र मिश्रा और थाना प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। वहीं, यूपी पुलिस द्वारा इसे एक बहुत बड़े हमले के रूप में देखा जा रहा है।
इस बड़ी घटना से यूपी पुलिस में हड़कंप :
दरसअल, कानपुर पुलिस की यह टीम आधी रात के वक्त हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी, क्योंकि उसके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। इसी दौरान अचानक हुई इस बड़ी घटना से यूपी पुलिस में हड़कंप मच गया है। एसटीएफ ने मौके पर मोर्चा संभाला हुआ है। फरेंसिक टीम भी यहां छानबीन में जुट गई है।
डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि, विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई।
यूपी के सभी बॉर्डर सील :
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि, विकास दुबे यहां से फरार हो गया है। पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।
शहीद पुलिसकर्मियों के नाम :
डीएसपी देवेंद्र मिश्र, एसआई अनूप कुमार सिंह, एसआई नेवूलाल, एसओ महेश चंद्र यादव, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू की मौत हो गई है। इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। इनका इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है।
आखिर कौन है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे :
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश है, जिसे एसटीएफ ने वर्ष 2017, 31अक्टूबर को लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र से विकास को गिरफ्तार किया था, लकिन वो कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया था। जानकारी के अनुसार, विकास दुबे इतना दबंग रहा है कि उसे किसी कानून का डर नहीं है, क्योंकि उसने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या भी कर चुका है, विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।
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