कोरोना संकटकाल के बीच राहुल गांधी की अमेरिकी राजनयिक से खास बातचीत
दिल्ली, भारत। देश में कोरोना वायरस की महामारी के दौर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कई लोगों से चर्चा का सिलसिला जारी है। अब हाल ही उन्होंने आज शुक्रवार को पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से बात की है।
दोनों के बीच क्या हुई बातचीत ?
इस दौरान राहुल गांधी और निकोलस बर्न्स दोनों के बीच दुनिया में इस वक्त के माहौल को लेकर करने के बाद अश्वेत नागरिक, हिन्दू-मुस्लिम, लोकतंत्र समेत कई मसलों पर बात हुई। साथ ही राहुल ने दोनों देशों में कोरोना की लड़ाई, लॉकडाउन और फिर उसके असर पर बात की। यहां पढ़ें दोनों के बीच हुई बातचीत-
राहुल गांधी बोले- अमेरिका में अभी क्या हो रहा है, ऐसा क्यों दिख रहा है?
इस पर जवाब देते हुए अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स ने कहा, ''अमेरिका में इस तरह की दिक्कतें हैं, अफ्रीकी-अमेरिकियों के साथ लंबे वक्त से ऐसा होता रहा है। अमेरिका में मार्टन लूथर किंग ने बड़ा काम किया है, उनके आदर्श भी महात्मा गांधी थे। अमेरिका ने बराक ओबामा जैसे नेता को राष्ट्रपति को चुना, लेकिन आज क्या देखने को मिल रहा है। किसी का भी हक है, प्रदर्शन करना, लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति ब्लैक लोगों को आतंकवादी समझते हैं।''
इस दौरान राहुल गांधी बोले- मुझे लगता है कि जो बंटवारा दिख रहा है, वो देशों को कमजोर करने वाला है। जब आप लोगों को जाति या धर्म में बांटते हो, तो देश को कमजोर कर रहे हो, जो लोग देश को कमजोर कर रहे हैं, वही खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं।
अमेरिकी लोगों को प्रदर्शन करने का हक :
अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स ने कहा, ''मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप बिल्कुल ऐसे ही हैं वो सोचते हैं कि, वो सबकुछ ठीक कर सकते हैं, लेकिन हमारे यहां सेना के लोगों ने ही कह दिया है कि हम सेना सड़क पर नहीं उतारेंगे, हम संविधान के हिसाब से चलेंगे, राष्ट्रपति के हिसाब से नहीं. अमेरिकी लोगों को प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र को चुनौती दे रहे हैं. चीन और रूस जैसे देशों में अभी भी अधिनायकवाद हो रहा है।''
भारत-अमेरिका के रिश्ते पर राहुल का जवाब :
राहुल गांधी ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच जो पहले रिश्ते थे बेहतर होते थे, लेकिन पिछले कुछ साल में ये सिर्फ व्यापार की तरह हो गया है। इस पर निकोलस बर्न्स ने कहा- हमारे देश में दोनों पार्टियां बहुत कम एक विचार पर आती हैं, लेकिन अमेरिका हमेशा से ही भारत के साथ रहा है। दोनों देशों के बीच सबसे बेहतरीन संबंध लोगों के बीच है, जो देशों को साथ लाता है, आज भारतीय अमेरिकी लोग हमारे देश में हर जगह हैं, यही देश की खासियत है। अगर हमारे देशों के सामने कोई चुनौती है, तो चीन-रूस जैसे देश हैं, हम लड़ाई नहीं चाहते हैं लेकिन अपनी सुरक्षा करना हमारा फर्ज है।
राहुल बोले-दोनों देशों के संबंध किस तरह आगे बढ़ रहे हैं?
राहुल गांधी ने पूछा क्या कोरोना संकट में दोनों देश साथ नहीं आए हैं?
तो इस पर निकोलस बर्न्स ने जवाब देते हुए कहा, G20 देशों को इस संकट में साथ आना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पीएम मोदी, ट्रंप और शिंजो आबे जैसे नेताओं को एक मंच पर आना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, ट्रंप अमेरिका को अकेले आगे ले जाना चाहते हैं और जिनपिंग उनसे लड़ना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने कहा, ''मैं मास्क के साथ लोगों में जाता हूं, अब राजनीति बदलेगी.. सोशल मीडिया से लोगों से बात कर रहे हैं. भारत में जब लॉकडाउन हुआ तो लोगों का सोचने का तरीका बदल गया. लॉकडाउन से लोगों के मन में डर बैठ गया, अभी वो डर खत्म करना जरूरी है।'' वहीं निकोलस बर्न्स ने इस पर बोले मुझे लगता है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क जरूरी है अमेरिका में तो लोग अब फिर लापरवाह हो रहे हैं।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट पर भी इस बातचीत की वीडियो साझा की है, जो आप यहां देख व सुन सकते हैं-
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, आर्थिक क्षेत्र के बड़े नाम शामिल रहे अभिजीत बनर्जी और हार्वर्ड के प्रोफेसर से भी बातचीत कर चुके हैं।
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