हाइलाइट्स :
आज 14 फरवरी को सुषमा स्वराज की 68वीं जयंती
सरकार द्वारा दो संस्थानों का किया नामकरण
प्रवासी भारतीय केंद्र व विदेश सेवा संस्थान का नाम बदला
PM मोदी ने ट्वीट कर श्रृद्धांजलि की अर्पित
राज एक्सप्रेस। भारत में कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जो भले ही इस दुनिया को छोड़ चले गए हों, लेकिन उनके द्वारा किए कार्यो की सराहना आज भी होती है, उन्हीं में से एक हैं पूर्व विदेश मंत्री व भारतीय राजनीतिज्ञ महिला सुषमा स्वराज! जिनकी आज 14 फरवरी को 68वीं जयंती है, उनके जन्मदिन के एक दिन पहले इस विशेष मौके पर सरकार द्वारा दो संस्थान 'प्रवासी भारतीय केंद्र' और 'विदेश सेवा संस्थान' का नाम बदल दिया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज की जयंती पर उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की।
PM मोदी ने किया ट्वीट :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए पूर्व विदेश मंत्री के साथ अपनी एक तस्वीर जारी करते हुए कैप्शन में लिखा- 'सुषमा जी को याद करते हुए, वह गरिमा की प्रतिमूर्ति थीं और जनता की सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट थी, वह एक असाधारण सहयोगी और उत्कृष्ट मंत्री थीं, उनका भारतीय मूल्यों में गहरा विश्वास था और देश के लिए उनके सपने बड़े थे।'
दो संस्थानों का नामकरण :
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज द्वारा राष्ट्र को दिए योगदान को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित दो संस्थानों का नामकरण किया है।
अब प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम 'सुषमा स्वराज भवन' होगा।
वहीं विदेश सेवा संस्थान का नाम 'सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस' होगा।
बता दें कि, विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गुरुवार को ट्विटर पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर दो संस्थानों के नामकरण की घोषणा की थीं।
सुषमा स्वराज का जन्म :
राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता एवं भारत की पूर्व विदेश मंत्री व भारतीय राजनीतिज्ञ महिला सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी, 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ। इन्होंने अपने दम पर ही अपना सेल्फ करियर बनाया और उनके परिवार में भी कोई सदस्य राजनीति में नहीं था। बीते वर्ष 2019 में 6 अगस्त को सुषमा स्वराज के सीने में अचानक दर्द हुआ, जब उन्हें एम्स ले जाया गया, एम्स पहुंचने के कुछ देर बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया है और दुनिया को अलविदा कह चली थी, सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी।
राजनीति में अपने रिकॉर्ड कायम करने वाली महिला सुषमा स्वराज अपना हर काम बहुत ही प्रभावित ठंग से किया करती थीं। शालीनता, सक्रियता, भाषण शैली और मददगार छवि के कारण वह एक अच्छी नेता थी, उन्होंने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिन्दुस्तान का सर गर्व से ऊँचा किया एवं जब भी वे किसी से मिलती थीं तो हमेशा उनके फेस पर एक सहज मुस्कुराहट नजर आती थी, सुषमा स्वराज विदेश मंत्री के तौर पर लोकप्रिय थीं।
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