बुंदेलखंड में जैविक कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं : तोमर

श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश के खाद्यान्न भंडार में 20 फीसदी से ज्यादा योगदान देने वाला उत्तप्रदेश राज्य कृषि में सिरमौर है। यहां के बुंदेलखण्ड अंचल में जैविक कृषि की अपार संभावनाएं हैं।
बुंदेलखंड में जैविक कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं : तोमर
बुंदेलखंड में जैविक कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं : तोमरSocial Media

राज एक्सप्रेस। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश के खाद्यान्न भंडार में 20 फीसदी से ज्यादा योगदान देने वाला उत्तप्रदेश राज्य कृषि में सिरमौर है। यहां के बुंदेलखण्ड अंचल में जैविक कृषि की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश सरकार और दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट द्वारा इस दिशा में प्रभावी कार्य किया जा रहा है, इसके सार्थक परिणाम जल्द ही सामने आएंगे। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित क्षेत्रीय किसान मेले को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस किसान मेले में उत्तरी क्षेत्र के सात राज्य उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के किसान भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आजादी के बाद से ही उत्तरप्रदेश लगातार हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने वाला राज्य रहा है, किंतु बीच में एक ऐसा कालखण्ड भी आया जब यहां की राजनीति हल्की हो गई और स्वार्थ सिद्धी के कारण यहा विकास रूक गया था। उस दौर में उत्तरप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में भी काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। किंतु पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश के नागरिकों ने श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में एक अच्छी सरकार को चुना है। योगी जी के नेतृत्व में अब उत्तरप्रदेश विकास की दृष्टि से नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

श्री तोमर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश के कृषि के क्षेत्र में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को खेत-खेत तक पहुंचाने का कार्य किया गया है। इससे उत्पादकता भी बढ़ी है और किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है। उत्तरप्रदेश में योगी जी के नेतृत्व में सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान-गेंहू का पिछले वर्षों की तुलना में दो से तीन गुना उपार्जन बढ़ाया है। दलहन, तिलहन और मक्का को भी एमएसपी मिले यह सुनिश्चित करने का काम भी यूपी सरकार ने किया है।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि जल्द ही उत्तर प्रदेश में नए कृषि विज्ञान केंद्रो की स्थापना भी की जाएगी। उप्र में कृषि के क्षेत्र में नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं। मौसम परिवर्तन के संकट को दृष्टिगत रखते हुए नई प्रजाति के बीज बीज विकसित करने का काम किया जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि बुंदेलखण्ड में पानी की कमी है, लेकिन यहां की भूमि उर्वरा है। उत्तरप्रदेश सरकार ने इस पिछड़े हुए इलाके के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।

कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जिस गति और परिश्रम से कार्य किए हैं उससे पिछले 6 वर्षों में दुनिया में भारत के प्रति आशा और सम्मान बढ़ा है।

श्री तोमर ने कहा कि कोविड-19 के लाकडाउन में सरकार ने किसानों को कृषि कार्य के लिए सुविधाएं और रियायते प्रदान की। इससे कृषि कार्य प्रभावित नहीं हो पाया और किसानों ने अपने परिश्रम से बंपर बुवार्द और पैदावार की। सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर खरीदी में कोई कसर नहीं छोड़ी। श्री तोमर ने कहा कि कोरोना संकट में हर तरफ ग्रोथ घटी है लेकिन किसान के परिश्रम के बल पर कृषि की ग्रोथ अपने स्थान पर है।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय आय दो गुना करने के लिए सिर्फ भाषण ही नहीं दया, बल्कि विगत साढ़े 6 वर्षों में उनके नेतृत्व में सरकार ने गंभीरता से सतत प्रयास भी किए हैं। लगातार योजनाओं, कार्यक्रमों और कानूनी बंधन समाप्त करके इसके लिए प्रयास किए गए हैं। छोटे किसानों को 10 हजार एफपीओ गठन के माध्यम से उन्नत व लाभकारी कृषि से जोड़ा जा रहा है। गांवों में किसानों को वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं मिले इसके लिए 1 लाख करोड़ रूपए का कृषि अवसंरचना कोष स्थापित किया गया है। विगत 1 वर्ष में 1 करोड 27 लाख किसानों को नए केसीसी कार्ड बनाकर उन्हें खेती के लिए 1 लाख 57 हजार करोड़ रूपए का कर्ज दिलाया गया है।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव और कृषि के क्षेत्र में समृद्धि लाने वाले है। लेकिन कुछ लोग नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। ये किसान के जीवन में बदलाव लाने वाले है। श्री तोमर ने कहा कि दो महिने मैंने किसान यूनियनों से चर्चा की। राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर सदन में चर्चा के दौरान सभी विपक्षी दलों ने इन कानूनों की आलोचना की, इन्हें किसान विरोधी बताया। लेकिन न तो यूनियन और ना ही विपक्षी दल का कोई नेता यह बता पाया कि इस कानून में काला क्या है। कौनसा बिंदू किसान विरोधी है। श्री तोमर ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल किसानों में भ्रम पैदा कर रहे है। कानून पर कुछ नहीं बोलते हैं किसानों को बरगलाते है। किसानों को इस मामले में जागरूक रहने की जरूरत है।

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