कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर करता था ठगी

उत्तर प्रदेश के कानपुर में डीआईजी की स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा कर मॉल रोड और चुन्नीगंज स्थित सेंटर में छापेमारी करते हुए मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है।
कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर करता था ठगी
कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर करता था ठगीSocial Media

राज एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश के कानपुर में डीआईजी की स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा कर मॉल रोड और चुन्नीगंज स्थित सेंटर में छापेमारी करते हुए मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। कॉल सेंटर में नौकरी करने वाली 16 युवतियों को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की हैैैै। पूछताछ में पता चला है कि सरगना युवतियों के जरिए बेरोजगार लोगों के फोन पर कॉल कराता था। फिर विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर रुपयों की मांग करता था। झांसे में आने के बाद अगर युवक पैसे खाते में डाल देता था तो फिर वह नंबर स्विच ऑफ हो जाता था।

पुलिस स्वॉट टीम प्रभारी अमित तोमर ने आज यहां कहा कि प्रतापगढ़ निवासी हरिओम पांडे को गिरफ्तार किया गया है। मास्टरमाइंड हरिओम परिवार के साथ गाजियावाद में फ्लैट लेकर रह रहा है।उसने फर्जी कॉल सेंटर का मुख्यालय ऑफिस नोयडा में बना रखा है।जिसकी जिम्मेदारी उसने अपने गुर्गे अजय और विवेक को सौप रखी था। बुधवार की देर रात हरिओम कानपुर में अपनी ब्रांच में निरीक्षण करने आया था। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने सबसे पहले ग्लोवस मॉल की छठवीं मंजिल पर वने फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी की। यहां पुलिस को 8 युवतियां काम करते हुए मिली।फिर चुन्नीगंज स्थित कॉल सेंटर में छापा मारा। यहां भी पुलिस को 8 युवतियां मिली।पुलिस ने छापेमारी के दौरान लैपटाप, सिमकार्ड,कम्प्यूटर, फोन व कई उपकरण बरामद किए हैं।

पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह दिल्ली से लोगों के फोन नंवरों का डाटा खरीद लेता था।यह नंवर कॉल सेंटर में भेज दिए जाते थे। फिर युवतियां लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी करती थीं। गिरोह के द्वारा एक मेल आईडी दी जाती थी और रुपयों की डिमांड की जाती थी। पैसा खाते में जाते ही सब कुछ बंद हो जाता था।यह गिरोह महीने में दो से ढाई हजार बेराजगारों को ठगते थे, जिनसे 20 से 25 लाख रुपये महीने की कमाई होती थी।

कॉल सेंटर में करीब 15 से बीस लड़कियां नौकरी पर रखी हुई थीं, जिन्हें यह 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह देते थे। पुलिस अधीक्षक 'वेस्ट' अनिल कुमार ने बताया है कि स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों के साथ ठगी करने का काम किया जा रहा था। पुलिस ने इनके पास से करीब 3 दर्जन से अधिक मोबाइल फोन, लैपटॉप और डायरियां मिली है। सभी मिले हुए समान की जांच करते हुए कार्रवाई की जा रही है।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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