निशाने पर भारत का बंदा, कलंकित हो रहा चंदा!

मुरादाबाद में दानदाता के पास पहुंची दूसरी टीम ने जब मंदिर के लिए चंदा मांगा तो; दानदाता परेशान कि वो तो इसके लिए पहले ही चंदा दे चुका है!
डोनेशन पर शंका क्यों?
डोनेशन पर शंका क्यों?Syed Dabeer Hussain - RE

हाइलाइट्स –

  • डोनेशन पर उठ रहे सवाल!

  • मुरादाबाद में शिकायत दर्ज

  • दूसरी बार चंदा मांगने का मामला!

राज एक्सप्रेस। ये मदद है, इमदाद या चंदा, जमकर आवक हो रही है इन दिनों... देश के नागरिकों के परम आराध्य के मंदिर निर्माण के लिए। अच्छा भी है इतना डोनेशन जुटे कि चंदा से लेकर सूरज तक कीर्ति फैल जाए सर्व-प्रेरणीय सीताराम की।

हम बात कर रहे हैं...

उन राम जी की जिनके नाम की कसमें भारत के चंद लोग चंदे के नाम पर खाकर पचाये जा रहे हैं। एक लाख से अधिक दिया पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने। मध्य प्रदेश में शाजापुर के कद्दावर विधायक और अधिकतर मंत्री रहे हुकुम सिंह कराड़ा ने भी कलश पूजन तो किया लेकिन दान में कितना दिया इसका खुलासा खुद उन्होंने हमारी टीम के संपर्क करने पर भी नहीं किया।

इधर संघ परेशान! –

जी हां श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए प्रयासरत सच्चे लोग तब परेशान हो गए जब राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा लेने दानदाता के पास मुरादाबाद में दूसरे कुछ लोग भी जा पहुंचे! और बताया कि मंदिर के लिए चंदा चाहिए! अब दानदाता परेशान कि वो तो इस सामाजिक सौदेश्य के लिए पहले ही चंदा प्रदान कर चुका है?

कोविड दौरान पीएम फंड में मदद-

यह भी सवाल रहा है कि, नोवल कोरोना वायरस डिजीज 19 (कोविड उन्नीस-covid-19) से परेशान लोगों की मदद के लिए जुटाए जा रहे पीएम फंड (पीएम मोदी का अपना नहीं) में कितने लोगों ने नेक इनायत बरती। जिनने बरती वो भी असल बात बताने में कन्नी तो काटते ही हैं। इस कारण मंदिर फंड निर्माण के लिए चंदा जुटाने वाले संगठनों के लेखांकन पर सवाल उठना लाज़िमी है!

गोपनीयता का कारण –

दान राशि मात्रा बताने से परहेज का कारण कार्पोरेटीकरण और हैसियत की उपलब्धता भी है। अब इसमें किसी को परेशानी नहीं भी होनी चाहिए क्योंकि दान कई बार गुप्त तौर पर भी दिया जाता है। राम किसी एक के नहीं हैं पूर्ण आराध्य परम प्रेरणीय राजा राम सभी के आदर्श हैं। न तो इसके, न उसके, न इस दल के, न उस दल के। वे सर्व प्रेरणीय हैं सर्व इतिहास में।

पहचान असली-नकली की...

मंदिर निर्माण के लिए 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन जुटाने की जानकारी रिपोर्ट्स में है। 2000 रुपए से अधिक की राशि के दान के लिए दानदाता को रसीद दी जाएगी। पांच सौ का प्रतिबंधित नोट भूलकर भी स्वीकार नहीं किया जाएगा!

दिग्विजय का चंदा -

राम मंदिर निर्माण के लिए दिग्विजय सिंह ने दान दिया तो सेक्युलिरिज्म की कसम खाने वालों के पेट में दर्द होने लगा। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह बीजेपी और संघ पर भगवान श्री राम के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगाते रहे हैं।

दिग्गी के इस चंदे के बारे में कहा जा रहा है कि राम मंदिर बनाने के लिए चंदा देकर उन्होंने इस बात को सिद्ध कर दिया है कि वो राजनीति अपने सिद्धांतों पर करते हैं और इस पर कभी समझौता नहीं करते!

दान की बंदरबांट-

दरअसल राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने का सिससिला जारी होने के बाद कई जगहों से धोखाधड़ी के मामले भी उजागर हुए हैं। हाल ही में महंत परमहंस ने बयान दिया था कि ‘चंदे के नाम पर बंदरबांट हो रही है।’

विश्व हिन्दू परिषद और राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र संगठन सदस्य देशव्यापी अभियान चलाकर चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। इसी अभियान पर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बड़ा बयान देकर चंदा संग्रह प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।

महंत परमहंस दास का आरोप है कि दान के नाम पर बंदरबांट हो रही है। लोग फर्जी तरीके से चंदा उगाही कर खुद की तिजोरी भर रहे हैं जिससे तमाम संस्थाओं का नाम बदनाम हो रहा है।

मुरादाबाद में शिकायत -

आपको बताएं कि; हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में फर्जी तरीके से चंदा वसूली की बात सामने आई थी। यहां राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य से चंदा मांगने वाले कुछ कथित हिन्दू संगठनों के नाम पर थाने में शिकायत भी की गई।

ट्रस्ट का भरोसा -

दरअसल श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए धन एकत्रित करने राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। इस अभियान में ट्रस्ट ने देश के पांच लाख परिवारों से चंदा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग कूपन जारी किए हैं।

पॉलीवुड/बॉलीवुड -

अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बनाने के लिए पॉलिटिकलवुड यानी राजनीतिक जगत की माहिर हस्तियों से लेकर बॉलीवुड के खिलाड़ियों ने भी पूरे मनोयोग से सहयोग प्रदान किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, खिलाड़ी कुमार अक्षय, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे तमाम लोगों ने इस काज के लिए अपनी तिजोरी खोली है।

लेकिन...

अंतर समझना होगा हिंदुत्व का वर्क लगाकर डंके की चोट पर चंदा मांगने वाले कुछ भ्रामक एवं कथित संगठनों के बारे में। ऐसे लोगों के बारे में जो धार्मिक विश्वास को चोट पहुंचा रहे हैं। मैं भी भारतीय हूं, भारत में मग्न हूं, सर्व धर्म समभाव में मेरी भी उतनी ही आस्था है। जय भारत।।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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