किसान महासम्मेलन में विपक्ष पर वार कर मोदी ने किसानों को दिया ये खास संदेश

मध्य प्रदेश में किसान महासम्मेलन को संबोधित करते हुए PM मोदी ने विपक्ष पर जमकर भड़ास निकाली और कहा- जिनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है, आज वो किसानों को डरा रहे हैं। यहां देखें PM के संबोधन की बातें...
किसान महासम्मेलन में विपक्ष पर वार कर मोदी ने किसानों को दिया ये खास संदेश
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मध्यप्रदेश: कृषि कानून के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के बीच आज 18 दिसंबर को मध्‍यप्रदेश में रायसेन के दशहरा मैदान में आयोजित 'किसान महासम्मेलन' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए MP के किसानों के साथ संवाद कर रहे हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा के नियमों में बदलाव :

किसान महासम्मेलन में MP के किसानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-बीते समय में ओले गिरने, प्राकृतिक आपदा की वजह से मध्य प्रदेश के किसानों का नुकसान हुआ है। आज इस कार्यक्रम मध्य प्रदेश के ऐसे 35 लाख किसानों के बैंक खातों में 16 सौ करोड़ रुपये भेजे जा रहे हैं। आज यहां कार्यक्रम में कई किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। पहले हर किसान को ये कार्ड नहीं मिलता था। हमारी सरकार ने देश के हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं।

तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, सुविधाओं के अभाव में आधुनिक तौर तरीकों के अभाव में असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती। पहले ही बहुत देर हो चुकी है। जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वो अब हो रहे हैं। भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

किसानों के नए कानून पर बोले PM मोदी :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए कृषि कानूनों को लेकर कहा कि, ''बीते दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है। ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए। पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है। सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे, किसानों के वोट बटोरते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं। सिर्फ इन मांगों को टालते रहे और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा।''

मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ। उनको तकलीफ इस बात से है कि, जो काम हम कहते थे लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया, मोदी ने क्यों किया।

विपक्ष पर बरसे PM मोदी :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए साफ ये बात भी कही कि, ''मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए। मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए। कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए। अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन जोतने के खेल खेले जा रहे हैं। किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं।''

  • किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट। ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को 8 साल तक दबाकर बैठे रहे। किसान आंदोलन करते थे, प्रदर्शन करते थे लेकिन इन लोगों के पेट का पानी नहीं हिला।

  • जबकि किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया।

  • सरकार बार-बार पूछ रही है, पब्लिक में, मीटिंग में पूछ रही है कि आपको कानून के किस क्लोज में दिक्कत है, तो उन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता, यही इन दलों की सच्चाई है।

  • हमारे देश में किसानों के साथ धोखाधड़ी का बहुत ही बड़ा उदाहरण है, कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई कर्जमाफी। जब 2 साल पहले मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले थे तो 10 दिन के भीतर कर्जमाफी का वादा किया गया था। कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ?

MP में कांग्रेस की सरकार को लेकर PM मोदी ने कहा- मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद क्या-क्या बहाने बताए गए। ये मध्य प्रदेश के किसान मुझसे भी ज्यादा अच्छी तरह जानते हैं। राजस्थान के लाखों किसान भी आज तक कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। किसान सोचता था कि अब तो पूरा कर्ज माफ होगा और बदले में उसे मिलता था बैंकों का नोटिस और गिरफ्तारी का वॉरंट। कर्जमाफी का सबसे बड़ा लाभ किसे मिलता था? इन लोगों के करीबियों को। हमारी सरकार ने जो पीएम-किसान योजना शुरू की है, उसमें हर साल किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे, यानि 10 साल में लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये। किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर। कोई लीकेज नहीं, किसी को कोई कमीशन नहीं।

यूरिया के मुद्देे पर PM मोदी का कहना :

  • देश के किसानों को याद दिलाऊंगा यूरिया की। याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था? रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़े रहना पड़ता था या नहीं? कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं?

  • आज यूरिया की किल्लत की खबरें नहीं आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं। हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया।

  • अगर पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते। सोचिए, बांध बनना शुरू हुआ तो पच्चीसों साल तक बन ही रहा है। बांध बन गया तो नहरें नहीं बनी, नहरे बन गई तो नहरों को आपस में जोड़ा नहीं गया।

  • अब हमारी सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड में पूरा करने में जुटी है। हम हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।

  • किसानों की लागत कम हो, इसके लिए भी सरकार ने निरंतर प्रयास किए हैं। किसानों को सोलर पंप बहुत ही कम कीमत पर देने के लिए देशभर में बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। हम अपने अन्नदाताओं को ऊर्जादाता बनाने पर भी काम कर रहे हैं।

मछली पालन को बढ़ावा देने ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम :

PM मोदी ने बताया- मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम चला रही है। कुछ समय पहले ही 20 हजार करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी शुरू की गई है। इन्हीं प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में मछली उत्पादन के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं।

कृषि सुधार पर PM मोदी बोले- मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह ही नहीं है। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने किया। अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है। इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी MSP मिलने वाली है।

  • पिछली सरकार के में धान पर MSP थी 1310 रुपये प्रति क्विंटल। हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1,870 रुपये MSP दे रही है। पिछली सरकार में ज्वार पर MSP थी 1,520 रुपये प्रति क्विंटल। हमारी सरकार ज्वार पर प्रति क्विंटल 2,640 रुपये MSP दे रही है।

  • पिछली सरकार के समय मसूर की दाल पर MSP थी 2,950 रुपये प्रति क्विंटल। हमारी सरकार प्रति क्विंटल मसूर दाल पर 5,100 रुपये MSP दे रही है।

  • पिछली सरकार के समय तूर दाल पर MSP थी 4300 रुपए प्रति क्विंटल। हमारी सरकार तूर दाल पर प्रति क्विंटल 6000 रुपए MSP दे रही है। पिछली सरकार के समय मूंग दाल पर MSP थी 4500 रुपए प्रति क्विंटल। हमारी सरकार मूंग दाल पर करीब 7200 रुपए MSP दे रही है।

  • ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है। MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए।

  • पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1,700 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था। हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3,000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा है।

  • पिछली सरकार ने अपने पांच साल में करीब पौने चार लाख मिट्रिक टन तिलहन खरीदा था। हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 56 लाख मिट्रिक टन से ज्यादा MSP पर खरीदा है। कहां पौने चार लाख और कहां 56 लाख।

  • यानि हमारी सरकार ने न सिर्फ MSP में वृद्धि की, बल्कि ज्यादा मात्रा में किसानों से उनकी अपज को MSP पर खरीदा है। इसका सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि, किसानों के खाते में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा पहुंचा है।

दलहन की खेती का PM ने दिया उदाहरण :

किसान महासम्मेलन के दौरान PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- राजनीति के लिए किसानों का उपयोग करने वाले लोगों ने किसान के साथ क्या बर्ताव किया, इसका एक और उदाहरण है, दलहन की खेती। 2014 के समय को याद कीजिए, किस प्रकार देश में दालों का संकट था। देश में मचे हाहाकार के बीच दाल विदेशों से मंगाई जाती थी।

कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा :

PM मोदी ने बताया कि, ''कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर। हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है। नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी। अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा।'' आगे उन्‍होंने कहा- नए कानून के बाद 6 महीने हो गए हैं, देश में एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। फिर ये APMC बंद किए जाने की बात कहां से आ गई। नए कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर। देश में फार्मिंग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज नहीं है। हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है।

PM मोदी ने कहा कि, ''प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं। नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है। मुझे खुशी है कि देशभर में किसानों ने नए कृषि सुधारों को न सिर्फ गले लगाया है, बल्कि भ्रम फैलाने वालों को भी सिरे से नकार रहे हैं। जिन किसानों में अभी थोड़ी सी आशंका बची है उनसे मैं फिर से कहूंगा कि आप एक बार फिर से सोचिए।''

25 दिसंबर को फिर किसानों से बात करेंगे मोदी :

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि, ''अगर अब भी किसी को आशंका है, तो हम सिर झुकाकर-हाथ जोड़कर हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं। देश का किसान, किसानों का हित हमारे लिए सर्वोच्च है। 25 दिसंबर को एक बार फिर मैं देश के किसानों से बात करूंगा।''

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