देश अनलॉक के बीच आज PM मोदी की 'मन की बात' जनता के साथ

लॉकडाउन 5.0 के तहत देश को अनलॉक के बीच आज प्रधानमंत्री मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम के 65वीं संस्करण के माध्‍यम से जनता को संबोधित कर रहे हैं। यहां देंखें मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम में पूरा विवरण...
देश अनलॉक के बीच आज PM मोदी की 65वीं 'मन की बात'
देश अनलॉक के बीच आज PM मोदी की 65वीं 'मन की बात'Priyanka Sahu -RE

राज एक्‍सप्रेस। घातक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन 5.0 के तहत सरकार ने इस बार देश को अनलॉक किया है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 31 मई को इस माह के आखिरी रविवार को 'मन की बात' मासिक रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। कोरोना को हराने की जारी जंग व लॉकडाउन के बीच इस साल के 5वें और 65वीं संस्करण में आज सुबह 11 बजे 'मन की बात' कर रहे हैं।

'मन की बात' की शुरूआत में बोले PM मोदी :

PM मोदी ने कहा, ''कोरोना के प्रभाव से हमारी 'मन की बात' भी अछूती नहीं रही है। जब मैंने पिछली बार आपसे 'मन की बात' की थी, तक पैसेंजर ट्रेनें बंद थी, बसें बंद थी, हवाई सेवा बंद थी। इस बार बहुत कुछ खुल सकहा है, श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चल रही हैं, अन्‍य स्‍पेशल ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं।''

तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी, अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है। ऐसे में,= हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। दो गज की दूरी का नियम हो, मुंह पर Mask (मास्क) लगाने की बात हो, हो सके वहां तक, घर में रहना हो, ये सारी बातों का पालन उसमें जरा भी ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ी जा रही लड़ाई :

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम के संबोधन में ने कहा कि, "देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। हमारी जनसंख्या ज़्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फ़ैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला।"

आगे उन्‍होंने ये भी कहा कि, कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है, जो नुकसान हुआ है, उसका दु:ख हम सबको है, लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है। इतने बड़े देश में हर एक देशवासी ने खुद इस लड़ाई को लड़ने की ठानी है, ये पूरी मुहिम People driven हैं।

देशवासियों की सेवाशक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत :

PM मोदी का कहना है कि, देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति। वास्‍तव में इस महामारी समय हम भारतवासियों ने ये दिखा दिया है कि, सेवा और त्‍याग का हमारा विचार केवल हमारा आदर्श नहीं हैं, बल्कि भारत की जीवनपद्धति है और हमारे यहां तो कहा गया है- सेवा परमों धर्म:

यानी सेना स्‍वयं में सुख है, सेवा में ही संतोष है।

हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। 'मन की बात' में भी मैंने उसका जिक्र किया है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है। देश के सभी इलाकों से महिला Self Help Group के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं। गांवों, कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं। तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही हैं।

एक और बात जो मेरे मन को छू गई, वो है संकट की इस घड़ी में Innovation, गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से लेकर startup तक, हमारी labs कोरोना से लड़ाई में नए-नए तरीके इज़ाद कर रहे हैं, नए Innovation कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान ये भी कहा कि, मैं सोशल मीडिया में कई तस्वीरें देख रहा था। कई दुकानदारों ने दो गज की दूरी के लिए दुकान में बड़े pipeline लगा लिए हैं, जिसमें, एक छोर से वो ऊपर से सामान डालते हैं, और दूसरी छोर से ग्राहक अपना सामान ले लेते हैं।

पढ़ाई के क्षेत्र में PM ने कहीं ये बात

इस दौरान पढ़ाई के क्षेत्र में भी कई अलग-अलग innovation शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर किए हैं। Online Classes, Video Classes, उसको भी अलग-अलग तरीकों से Innovate किया जा रहा है। किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है। हजारों साल की मानव जाति की यात्रा लगातार इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची है, इसलिए इस महामारी पर जीत के लिए हमारे ये विशेष Innovations भी बहुत बड़ा आधार है।

कोरोना की लड़ाई का रास्ता लंबा है :

इस दौरान PM मोदी ने ये भी कहा कि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है। एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है। जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है। ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं। ये दुनिया के हर कोरोना प्रभावित देश में हो रहा है और इसलिए भारत भी इससे अछूता नहीं है।

जो दृश्य आज हम देख रहे हैं, इससे देश को अतीत में जो कुछ हुआ, उसके अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर भी मिला है। आज हमारे श्रमिकों की पीड़ा में, देश के पूर्वीं हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है।
PM नरेंद्र मोदी

PM मोदी ने मन की बात के दौरान ये भी कहा कि, ''कोरोना संकट के इस दौर में, मेरी, विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है, इन दिनों, उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी 'योग' और 'आयुर्वेद' के संबंध में होती है। कुछ नेताओं ने मुझसे पूछा कि, कोरोना के इस काल में ये 'योग' और आयुर्वेद' कैसे मदद कर सकते हैं!

योग सबके लिए अच्‍छा :

हर जगह लोगों ने योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाहा है, उसे अपनाना चाहा है। कितने ही लोग, जिन्होंने कभी योग नहीं किया, वो भी या तो ऑनलाइन योग क्लास से जुड़ रहे हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं। सहीं में 'योग'- Community, Immunity और Unity सबके लिए अच्‍छा है।

कोरोना संकट के समय योग ज्यादा अहम :

PM मोदी का कहना है कि, कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि ये वायरस, हमारे respiratory system को सबसे अधिक प्रभावित करता है। योग में तो respiratory system को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं। आपके जीवन में योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने भी इस बार एक अनोखा प्रयोग किया है।

'My Life, My Yoga' नाम से प्रतियोगिता शुरू :

आयुष मंत्रालय ने 'My Life, My Yoga' नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग उसकी प्रतियोगिता शुरू की है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको अपना तीन मिनट का एक वीडियो बना करके upload करना होगा। इस video में आप, जो योग या आसन करते हों, वो करते हुए दिखाना है और योग से आपके जीवन में जो बदलाव आया है, उसके वारे में भी बताना है।

'आयुष्मान भारत' पर PM के विचार :

  • हमारे देश में करोड़ों-करोड़ गरीब, दशकों से एक बहुत बड़ी चिंता में रहते आए हैं- अगर बीमार पड़ गए तो क्या होगा? इस चिंता को दूर करने के लिए ही करीब डेढ़ साल पहले 'आयुष्मान भारत' योजना शुरू की गई थी।

  • कुछ ही दिन पहले 'आयुष्मान भारत' के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है। एक करोड़ से ज्‍यादा मरीज, मतलब देश के एक करोड़ से अधिक परिवारों की सेवा हुई है।

  • भारत योजना ने गरीबों के पैसे खर्च होने से बचाए हैं। मैं आयुष्मान भारत के सभी लाभार्थियों के साथ-साथ मरीजों का उपचार करने वाले सभी डॉक्टरों-नर्सों और मेडिकल स्टाफ को बधाई देता हूं।

  • आयुष्मान भारत योजना के साथ एक बड़ी विशेषता portability की सुविधा भी है। Portability ने देश को एकता के रंग में रंगने में भी मदद की है यानी बिहार का कोई गरीब अगर चाहे तो, उसे कर्नाटक में भी वही सुविधा मिलेगी, जो उसे अपने राज्य में मिलती।

  • आयुष्मान भारत योजना के 1 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 80% लाभार्थी ग्रामीण इलाके के हैं। इसमें से भी करीब 50% लाभार्थी महिलाएं-बेटियां हैं। इन लाभार्थियों में ज्यादातर ऐसी बीमारी से पीड़ित थे जिनका इलाज सामान्य दवाओं से संभव नहीं था। इनमें से 70% लोगों की सर्जरी की गई है, आप अनुमान लगा सकते हैं कि, कितनी बड़ी तकलीफों से इन लोगों को मुक्ति मिली है।

PM मोदी ने बताई इस साल के विश्‍व पर्यावरण दिवस की थीम :

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर कहा कि, कुछ दिन बार 5 जून को पूरी दुनिया 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाएग। इस साल की थीम है- Bio Diversity यानी जैव विविधिता। वर्तमान परिस्थितियों में ये थीम विशेष रूप से महत्‍वपूर्ण है। लॉकडाउन के दौरान पिछले कुछ हफ्तों में जीवन की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है, लेकिन इससे हमें अपने आस-पास, प्रकृति की समृद्ध विविधता को जैव-विविधता को करीब से देखने का अवसर भी मिला है।

बता दें कि, इससे पहले 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 64वें एडिशन के दौरान कोरोना वायरस की महामारी को लेकर अति-आत्मविश्वास से बचने को कहा था।

देश में कोरोना के कितने केस :

बता दें कि, पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 8,380 नए कोरोना केस सामने आए हैं और 193 लोगों की मौत हो गई है। देश में अब कुल कोरोना मामलों की संख्या 1,83,143 है, जिसमें 89995 एक्टिव केस हैं, जबकि 86984 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।

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