AMU शताब्दी समारोह में PM मोदी ने विशेष डाक टिकट जारी कर दिया ये खास संदेश

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी ने विशेष डाक टिकट भी जारी किया, यहां देखें उनके संबोधन की बातें...
AMU शताब्दी समारोह में PM मोदी ने विशेष
डाक टिकट जारी कर दिया ये खास संदेश
AMU शताब्दी समारोह में PM मोदी ने विशेष डाक टिकट जारी कर दिया ये खास संदेशPriyanka Sahu -RE

दिल्‍ली, भारत। देश में महामारी कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर कार्यक्रम डिजिटल माध्यम से हो रहा है। इसी बीच आज 21 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का शताब्दी समारोह आयोजित हुआ, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह में हिस्सा लिया है।

AMU शताब्दी समारोह में PM ने डाक टिकट किया जारी :

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष डाक टिकट जारी किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, "AMU की दीवारों में देश का इतिहास है, यहां से पढ़ने वाले छात्र दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं, यहां से निकले छात्रों से कई बार विदेश में उनकी मुलाकात हुई, जो हमेशा हंसी-मजाक और शेर-ओ-शायरी के अंदाज में खोए रहते हैं। आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।"

एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर :

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा- कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतपूर्व है। लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है। मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है।

बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहाँ जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

AMU में PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें :

  • आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुँच रही हैं। बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला।

  • देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है।

  • पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचालय की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं।

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा Nation First के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

  • एक एम्पॉवर वुमन का हर फैसले में उतना ही योगदान होता है, जितना किसी और का। फिर चाहे बात परिवार को दिशा देने की हो या देश को। मैं देश की अन्य शिक्षा संस्थानों से भी कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बेटियों को शिक्षा से जोड़ें।

PM मोदी ने बताया- सरकार उच्च शिक्षा में नामांकन की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है।

  • वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे। आज 23 IITs हैं।

  • वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे। आज 25 IIITs हैं।

  • वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे। आज 20 IIMs हैं।

मेडिकल एजुकेशन को लेकर भी बहुत काम किया गया है। 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे Online हो या फिर Offline, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर :

AMU में PM मोदी ने अपने संदेश में ये भी कहा- आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं। पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है। अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है। समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए। जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें। हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है, लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं। सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है।

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