राज एक्सप्रेस। देश ही नहीं दुनिया भर में खतरनाक कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के कारण उथल-पुथल मची है, सभी कार्य वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये हो रहे हैं और आज 7 मार्च को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर ‘वेसाक वैश्विक समारोह’ के विशेष मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित कर रहे हैं।
PM मोदी ने दी शुभकामनाएं :
PM मोदी ने अपने संबोधन के शुरूआत में कहा, आप सभी को और विश्वभर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की और बैसाख उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे पहले ही इस पवित्र दिन पर आपसे मिलने, आप सभी से आशीर्वाद लेने का अवसर मिलता रहा है।
उन्होंने कहा कि, वर्ष 2015 और 2018 में दिल्ली में और साल 2017 में कोलंबों में मुझे इस कार्यक्रम से जुड़ने का आपके बीच आने का मौका मिला। इस बार परिस्थितियां कुछ अलग हैं, इसलिए आमने-सामने आकर आपसे मुलाकात नहीं हो पा रही है। पीएम मोदी बोले- भगवान बुद्ध का वचन है-
मनो पुब्बम् गम: थम्म:
मनो सेट्टा, मनो मया
पीएम मोदी ने इस दौरान ये भी कहा, आपने इस समारोह को कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला कर रहे पूरी दुनिया के हेल्थ वर्कर्स और दूसरे सेवा-कर्मियों के लिए प्रार्थना सप्ताह के रुप में मनाने का संकल्प लिया है। करुणा से भरी आपकी इस पहल के लिए मैं आपकी सराहना करता हूं।
भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान :
PM मोदी ने कहा, प्रत्येक जीवन की मुश्किल को दूर करने के संदेश और संकल्प ने भारत की सभ्यता को, संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है। वो अपना दीपक स्वयं बनें और अपनी जीवन यात्रा से दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित कर दिया। बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, किसी एक प्रसंग तक सीमित नहीं हैं।
आगे उन्होंने ये भी कहा, सिद्धार्थ के जन्म, सिद्धार्थ के गौतम होने से पहले और उसके बाद इतनी शताब्दियों में समय का चक्र अनेक स्थितियों-परिस्थितियों को समेटते हुए निरंतर चल रहा है। समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान रहा है, ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि, बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं हैं, बल्कि एक पवित्र विचार भी है।
भगवान बुद्ध द्वारा बताए गए 4 सत्य
दया
करुणा
सुख-दुख के प्रति समभाव
जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकारना
इस पर PM मोदी का कहना है कि, ये सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं। बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं। इसी आत्मबोध के साथ, भारत निरंतर पूरी मानवता के लिए, पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति, हमेशा, विश्व की प्रगति में सहायक होगी।
भारत के बोध-आत्मबोध का प्रतीक बुद्ध :
PM मोदी ने कहा, बुद्ध भारत के बोध और आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं। इसी आत्मबोध के साथ, भारत निरंतर पूरी मानवता के लिए, पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति, हमेशा, विश्व की प्रगति में सहायक होगी। हमारा काम निरंतर सेवाभाव से ही होना चाहिए।
PM ने इस अंजाद में भी कहीं कुछ बातें -
बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक पवित्र विचार है।
बुद्ध, त्याग और तपस्या की सीमा है।
बुद्ध, सेवा और समर्पण का पर्याय है।
बुद्ध, मजबूत इच्छाशक्ति से सामाजिक परिवर्तन की पराकाष्ठा है।
ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।
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