'समग्र आवास- सभी के लिए आवास' पर बजट के बाद PM मोदी ने वेबिनार को किया संबोधित
दिल्ली, भारत। इस साल के बजट प्रस्ताव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेबिनार के जरिए संबोधन देने का दौर जारी है। अब आज साेमवार को उन्होंने 'समग्र आवास - सभी के लिए आवास' पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित किया।
शासन संवेदनशील और समर्पित होना चाहिए :
वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ये परंपरा रही है कि बजट के बाद, बजट के संदर्भ में संसद में चर्चा होती है, लेकिन हमारी सरकार बजट पर चर्चा को एक कदम आगे लेकर गई है। बीते कुछ वर्षों से हमारी सरकार ने बजट बनाने से पहले भी और बाद भी सभी स्टेकहोल्डर से गहन मंथन की नई परंपरा शुरू की है। किसी भी सरकारी नीति या कार्यक्रम की सफलता की पहली शर्त सुशासन है। शासन संवेदनशील और समर्पित होना चाहिए। जब कार्यों की उचित निगरानी होती है, तो उनकी दक्षता और समय पर पूरा होना अत्यधिक संभव हो जाता है।
हमारे देश में एक पुरानी अवधारणा रही है कि लोगों का कल्याण और देश का विकास सिर्फ धन से ही होता है। देश और देशवासियों के विकास के लिए धन तो जरूरी है ही लेकिन धन के साथ ही मन भी चाहिए। सरकारी कार्यों और सरकारी योजनाओं की सफलता की अनिवार्य शर्त है सुशासन, संवेदनशील शासन, जन सामान्य को समर्पित शासन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
जब सरकार के काम Measurable होते हैं, उसकी निरंतर मॉनीटरिंग होती है तो उसके Desired Result भी मिलते हैं। जिस दिन हम ठान लेंगे कि हर मूलभूत सुविधा, हर क्षेत्र में, हर नागरिक तक पहुंचाकर ही रहेंगे, तो देखिएगा कितना बड़ा परिवर्तन स्थानीय स्तर पर कार्य-संस्कृति में आता है। सैचुरेशन की नीति के पीछे यही भावना है।
अगर हमने पुराने दृष्टिकोण के साथ काम करना जारी रखा होता, तो हमारे कोविड टीकाकरण अभियान की सफलता में कई दशक लग जाते। लेकिन कुशल और सुशासन के हमारे नए दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप इसकी सफलता के लिए रिकॉर्ड तोड़ कम समय लग गया है। इस दृष्टिकोण ने तेज और गहरे स्तरों पर अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान की है।
भारत में जो आदिवासी क्षेत्र हैं, ग्रामीण क्षेत्र हैं, वहां आखिरी छोर तक Reaching The Last Mile के मंत्र को ले जाने की जरूरत है। इस साल के बजट में भी इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। '𝐑𝐞𝐚𝐜𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐑𝐞𝐚𝐜𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐦𝐢𝐥𝐞' का दृष्टिकोण और '𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝐒𝐚𝐭𝐮𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐒𝐚𝐭𝐮𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧' एक दूसरे के पूरक हैं।
𝐑𝐞𝐚𝐜𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐓𝐡𝐞 𝐋𝐚𝐬𝐭 𝐌𝐢𝐥𝐞 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बजट में हजारों करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 2019 तक हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही नल से जल जाता था,अब इनकी संख्या बढ़ कर 11 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इस वर्ष के बजट में हमने गरीबों के घर के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हमें housing for all की मुहिम को तेजी से आगे बढ़ाना होगा।
यदि हम स्कूल स्तर पर ही स्टार्टअप्स और डिजिटल मार्केटिंग के लिए संबद्ध कार्यशालाओं को सुनिश्चित करते हैं, तो हमें निश्चित रूप से उत्कृष्ट परिणाम मिलेंगे। यह आदिवासी समुदायों के छात्रों की भी मदद करेगा। एक बार जब छात्र एकलव्य मॉडल स्कूलों से बाहर निकल जाते हैं, तो उनके पास पहले से ही अपने जनजातीय उत्पादों के विपणन और प्रचार के बारे में विशेषज्ञता होती है।
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