मलखेड़ में PM मोदी ने नव घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को टाइटल डीड वितरित किए और दिया यह संबोधन
कर्नाटक, भारत। कलबुर्गी, कर्नाटक के मलखेड़ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नव घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को टाइटल डीड (हक्कू पत्र) वितरित किया। तो वहीं, कलबुर्गी जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ढोल बजाते हुए भी नजर आए।
लाभार्थियों को टाइटल डीड (हक्कू पत्र) वितरित करने के बाद PM नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने कहा- जनवरी हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा संविधान 1950 में इसी महीने में लागू हुआ था। कर्नाटक सरकार ने इसी महीने एक फैसला लिया है जो 50,000 परिवारों को हक्कू पत्र प्रदान करके सामाजिक न्याय के लिए एक ऐतिहासिक फैसला होने जा रहा है। न यह क्षेत्र है, न बंजारा समाज मेरे लिए नया है। बंजारा परिवार के हमारे भाई-बहन हमेशा अपने-अपने तरीके से राष्ट्र-निर्माण में योगदान दे रहे हैं और मुझे कई बार उनके साथ जुड़ने का सौभाग्य मिला है।
1994 के विधानसभा चुनाव में मैं यहां चुनाव प्रचार के लिए आया था और मुझे यह याद कर खुशी हुई कि बंजारा परिवार के लाखों सदस्य मुझे आशीर्वाद देने आए थे। हमारे बंजारा समुदाय ने दशकों तक कई कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन समय बदल गया है और अब उनके लिए एक सम्मानित जीवन सुनिश्चित होगा। आज पहले, जब मैं कुछ बंजारा परिवारों के साथ बातचीत कर रहा था, तो जिस तरह से एक मां ने मुझे आशीर्वाद दिया, वह मेरे लिए खुशी की बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
एक पार्टी जिसने इस राज्य पर सबसे अधिक समय तक शासन किया, उसने केवल वोट बैंक बनाने पर ध्यान दिया और इन परिवारों के विकास के बारे में कभी नहीं सोचा। टांडा के निवासियों ने दशकों तक कठिनाइयों का सामना करते हुए संघर्ष किया है, लेकिन भाजपा सरकार के तहत चीजें बदल गई हैं। स्वामित्व योजना सरकार के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए कार्ड प्रदान कर रहा है। कर्नाटक में पक्के घरों, पानी के कनेक्शन, रसोई गैस कनेक्शन सहित सभी सामाजिक कल्याण योजनाओं के साथ-साथ बंजारा समुदाय को भी इसका लाभ मिलेगा।
पहले की सरकार कुछ ही वन उपजों पर MSP देती थी, जबकि हमारी सरकार 90 से अधिक वन उपजों पर MSP दे रही है। कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद अब इसका लाभ भी तांडा में रहने वाले सभी परिवारों को मिलेगा।
आज आजादी के कई दशकों के बाद भी एक समुदाय को विकास के लिए हमेशा नजरअंदाज किया गया, जिन लोगों ने इस देश पर लंबे समय तक शासन किया, उन्होंने हमारे बंजारा समुदायों की कभी परवाह नहीं की और सिर्फ उनका वोट लिया।
कर्नाटक सरकार ने सुशासन और सद्भाव का वो रास्ता चुना है, जो वर्षों पहले भगवान बस्वेश्वरा ने दिया था। भगवान बस्वेश्वरा ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय का और लोकतंत्र का एक मॉडल दुनिया को दिया। समाज के हर भेद-भाव से ऊपर उठकर सबके सशक्तिकरण का मार्ग उन्होंने हमें दिखाया था।
आदिवासी कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आदिवासियों के योगदान और उनके गौरव को राष्ट्रीय पहचान दे रही है।
दिव्यांगों के अधिकारों और उनकी सुविधाओं से जुड़े अनेक प्रावधान भी बीते 8 वर्षों में किए गए हैं। ये हमारी सरकार है, जिसने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया और केंद्र सरकार की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों में इंटरव्यू की बाध्यता खत्म की। ये भी हमारी सरकार ही है जिसने बंजारा समुदाय, घूमंतु-अर्ध घूमंतु समुदाय के लिए विशेष विकास और कल्याण बोर्ड का गठन किया।
हमारी सरकार के तहत पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया, चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ओबीसी आरक्षण। हमने एससी/एसटी समुदायों के छात्रों को लाभान्वित करने के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल पाठ्यक्रमों को मूल भाषा में पढ़ाने के प्रावधान शुरू किए।
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