राज एक्सप्रेस। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री मोदी ने लोकभवन लखनऊ में किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी किया। अटल जी की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा पर पीएम मोदी ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। यह प्रतिमा उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में बनवाई गयी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि, मुझे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आने का अवसर मिला है। अटल जी की भव्य प्रतिमा लोगों को सुशासन की निरंतर प्रेरणा देती रहेगी। अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास करना मेरे लिए सौभाग्य के पल हैं। अटल जी लखनऊ के लिए अनेक योजनाएं शुरू की थी। उन्होंने लखनऊ को नई पहचान देने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए। अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता। उसको समग्रता में देखना होगा। यह बात सरकार और सुशासन के लिए भी लागू होती है। सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में, समग्रता में नहीं सोचेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, आज दिल्ली में अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया। छह हजार करोड़ रुपये की इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सहित देश के सात राज्यों में भूजल के स्तर को सुधारने के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए सरकार का रोड मैप है। प्रिविंटिव हेल्थ केयर पर काम करना, अफोर्डेबल हेल्थकेयर का विस्तार करना, सप्लाई साइड इंटरवेंशन यानि इस सेक्टर की हर डिमांड को देखते हुए सप्लाई को सुनिश्चित करना और मिशन मोड इंटरवेंशन।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज सुशासन दिवस पर जब हम नए वर्ष और नए दशक में प्रवेश करने जा रहे हैं, तब हमें अटल जी की एक और बात अवश्य याद रखनी चाहिए। अटल जी कहते थे कि हर पीढ़ी भारत की प्रगति में योगदान का मूल्यांकन दो बातों के आधार पर होगा। पहला -हमें जो विरासत में मिली कितनी समस्याओं को हमने सुलझाया है। दूसरा-राष्ट्र के भावी विकास के लिए हमने अपने खुद के प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तम शिक्षा, सुलभ शिक्षा हमारा हक है, लेकिन शिक्षा के संस्थानों की सुरक्षा, शिक्षकों का सम्मान, हमारा दायित्व है। मैं यूपी के युवाओं और हर दूसरे व्यक्ति से अनुरोध करना चाहता हूं। अब जब हम आजादी के 75 साल बाद वह समय आ गया है जब हमें अपनी जिम्मेदारियों को देखना चाहिए। हर कोई जिसने हिंसक रूप से विरोध किया है और हाल के दिनों में संपत्ति में बर्बरता की है। यूपी जिस तरह से विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया। वो लोग एक बार खुद से पूछें क्या उनका रास्ता सही था। हिंसा में जिनकी मृत्यु हुई, जो पुलिस वाले जख्मी हुए, उनके और उनके परिवार के प्रति सोचें कि उन पर क्या बीतती होगी। इस लिए में आग्रह करूंगा कि झूठी अफवाहों में न आएं।
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