PM मोदी ने बताए कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के 10 फायदे

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन कर नई देशवासियों को एक नई सौगात दी है। इस कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया गया।
10 Benefits of Kochi-Mangaluru Natural Gas Pipeline Pipeline
10 Benefits of Kochi-Mangaluru Natural Gas Pipeline PipelineSyed Dabeer Hussain - RE

कोच्चि-मंगलुरु। पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को कई सौगातें दे चुके हैं। वहीं, आज यानी मंगलवार को उन्होंने कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन कर नई देशवासियों को एक नई सौगात दी है। इस कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया गया। इसी दौरान PM मोदी ने कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के 10 फायदे बताए।

PM मोदी ने किया उद्घाटन :

दरअसल, आज कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के उद्घाटन का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें PM मोदी ने इसका उद्घाटन किया। यह आयोजन 'वन नेशन वन गैस ग्रिड' के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, राज्यपाल वजुभाई वाला, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के अलावा केंद्रीय व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए। बता दें, इस परियोजना की लागत लगभग 3 हजार करोड़ रुपये है।

प्रधानमंत्री का संबोधन :

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को संबोधित किया। संबोधन के दौरान उन्होंने सबसे पहले देशवासियों को बधाई दी फिर पाइपलाइन को देशवासियों को समर्पित कर अपने गर्व महसूस करने के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि, भारत में 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का उद्घाटन होना देश के लिए गर्व की बात है। बता दें, इस पाइपलाइन के माध्यम से केरल और कर्नाटक को जोड़ा गया है। इसके अलावा PM मोदी ने इस पाइपलाइन के 10 फायदे बताए।

पाइपलाइन के 10 फायदे :

  • प्राकृतिक गैस पाइप लाइन से दोनों राज्यों के लाखों लोगों की ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी।

  • यहां के गरीब, मध्यमवर्ग का खर्च कम होगा।

  • अनेक शहरों में गैस सिस्टम का माध्यम बनेगी।

  • CNG आधारित सिस्टम का आधार बनेगा।

  • मंगलुरु केमिकल को ऊर्जा देकर खाद बनाने में सहायता मिलेगी।

  • मंगलुरु रिफाइनरी को स्वच्छ ईंधन देगी।

  • दोनों राज्यों में प्रदूषण कम होगा।

  • जितना कार्बन इमीशन इससे कम होगा उतना लाखों पेड़ लगाकर ही मिल सकता है।

  • पर्यावरण बेहतर होने से लोगों की सेहत अच्छी रहेगी और बीमारी पर होने वाला खर्च कम होगा।

  • प्रदूषण कम होगा तो टूरिस्ट ज्यादा आएंगे।

PM मोदी ने आगे कहा कि, 'कोच्चि-मंगलुरू पाइपलाइन इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देकर सभी मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। इस प्रोजेक्ट में कई दिक्कतें भी आईं, लेकिन हमारे श्रमिकों, इजीनियरों, किसानों और राज्य सरकारों के सहयोग से ये काम पूर्ण हुआ। कहने को तो ये पाइप लाइन है, लेकिन दोनों राज्यों के विकास को गति देने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।'

विपक्ष पर साधा निशाना :

PM मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'जितना काम 27 सालों में हुआ हम उससे ज्यादा आधे वक्त में करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पहली इंटरेस्ट पाइपलाइन 1987 में कमीशन हुई थी। इसके बाद 2014 तक मतलब 27 सालों में 15 हजार किलोमीटर पाइपलाइन बनी। वर्तमान में देशभर में 16 हजार यानी किलोमीटर पाइपलाइन पर काम जारी है। अगले चार से छह सालों में इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह 1982 के आसपास सीएनजी स्टेशन शुरू किया गया। 2014 तक इनकी संख्या 900 से ज्यादा नहीं थी।

पिछले सालों में 1500 से अधिक नए सीएनजी स्टेशन शुरू किए गए हैं। इनकी संख्या 10 हजार तक ले जाने के लिए काम किया जाना है। 2014 तक 25 लाख पाइप से गैस कनेक्शन थे और वर्तमान में 72 लाख से ज्यादा घरों तक पाइप से गैस के कनेक्शन हैं। 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी थे और छह सालों में इतने ही और शुरू किए गए। कोरोना काल में लोगों को रसोई गैस की किल्लत नहीं होने दी गई और 12 करोड़ के करीब मुफ्त सिलेंडर गरीबों को उपलब्ध करवाए गए।'

PM मोदी ने कहा, 'भविष्य की ऊर्जा की जरूरतों को आज से तैयार करने की कोशिश है। प्राकृतिक गैस पर फोकस के साथ एनर्जी रिसोर्स पर काम चल रहा है। गुजरात में हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े हाइब्रिड एनर्जी प्लांट पर काम चल रहा है। इसी तरह से बायो फ्यूअल पर काम चल रहा है। गन्ना हो या अन्य एग्रो प्रोडक्ट से इथेनोल पर काम किया जा रहा है। अगले 10 सालों में इथेनोल को 20 फीसद करने की प्लानिंग की जा रही है। देशवासियों को सस्ता, प्रदूषण रहित ईंधन देने के लिए काम हो रहा है।'

पाइपलाइन की खासियत :

बताते चलें, यह पाइपलाइन गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा तैयार की गई है और यह 450 लंबी है। इसकी प्रत्येक दिन की परिवहन की क्षमता 10 लाख 20 हजार मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर है। यह तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) रेगुलेशन टर्मिनल से प्राकृतिक गैस ले जाएगी। यह पाइपलाइन कोच्चि से एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से होते हुए मंगलुरु तक जाएगी।

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