मन की बात : भारत में घातक महामारी कोरोना वायरस तेजी से इजाफा हो रहा है। कोरोना को हराने की जारी जंग के बीच इस माह के आखिरी रविवार आज 26 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' मासिक रेडियो कार्यक्रम के जरिए 67वें संस्करण के माध्यम से जनता को संबोधित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज 26 जुलाई है, आज का दिन बहुत खास है। आज ‘कारगिल विजय दिवस’ है। 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था। कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था, वो भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मनसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहाँ चल रहे आन्तरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था।
आप कल्पना कर सकते हैं–ऊचें पहाड़ों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेना, हमारे वीर जवान लेकिन जीत पहाड़ की ऊँचाई की नहीं, भारत की सेनाओं के ऊँचे हौंसले और सच्ची वीरता की हुई। साथियो उस समय मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मेरा देश के नौजवानों से आग्रह है कि, आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियाँ, वीर-माताओं के त्याग के बारे में एक-दूसरे को बताएँ शेयर करें।
मैं आज सभी देशवासियों की तरफ से हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उनकी माताओं को भी नमन करता हूँ, जिन्होंने, माँ-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया।
साथियों मैं आपसे आग्रह करता हूं http://gallantryawards.gov.in वेबसाइट पर आप ज़रूर Visit करें, वहां आपको हमारे वीर पराक्रमी योद्धाओं और उनके पराक्रम के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त होंगी।
साथियो कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था, वो आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है। अटल जी ने तक देश को गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलायी थी। महात्मा गांधी का मंत्र था कि, यदि किसी को कभी कोई दुविधा हो कि उसे क्या, क्या न करना तो उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए उसे ये सोचना चाहिए कि, जो वो करने जा रहा है, उससे उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी।
अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने हमें एक दूसरा मंत्र दिया है- ये मंत्र था, कि, कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें कि, क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
युद्ध की परिस्थिति में हम जो बात कहते हैं...करते हैं...उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है। ये बात हमें कभी भूलनी नहीं चाहिए और इसीलिए हमारा आचार, व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मयार्दा, हमारे लक्ष्य सभी कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि, हम जो कर रहे हैं, कह रहे हैं, उससे सैनिकों को मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े।
राष्ट्र सर्वोपरी का मंत्र लिए एकता के सूत्र में बंधे देशवासी, हमारे सैनिकों की ताकत को कई हजार गुण बढ़ा देते हैं। हमारे यहां तो कहा गया है न 'संघे शक्ति कलियुगे'।
इस दौरान PM मोदी ने ये बात भी कही, कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं, जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं। कभी-कभी जिज्ञासा वश फॉरवर्ड करते रहते हैं। पता है गलत है ये - करते रहते हैं। आजकल युद्ध केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते हैं, देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है और, हर एक देशवासी को उसमें अपनी भूमिका तय करनी होती है।
पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने, अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। आज हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है।
PM मोदी ने देश में जारी महामारी कोरोना वायरस पर कहा कि, ''कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। चेहरे पर मॉस्क लगाना या गमछे का उपयोग करना, दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखना- यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं।''
मैं आप से आग्रह करूँगा जब भी आपको मॉस्क के कारण परेशानी फिल होती हो मन करता हो उतार देना है तो, पल-भर के लिए उन डॉक्टरर्स का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिये।
सकारात्मक एप्रोच से हमेशा आपदा को अवसर में विपत्ति को विकास में बदलने में मदद मिलती है। हम कोरोना के समय भी देख रहे हैं, कि कैसे देश के युवाओं-महिलाओं ने टैलेंट और स्कील के दम पर कुछ नये प्रयोग शुरू किये हैं।
बिहार में कई महिला स्वयं सहायता समूह (Women Self Help Groups) ने मधुबनी पेंटिंग वाले मॉस्क बनाना शुरू किया है, और देखते-ही-देखते, ये खूब लोकप्रिय (Popular) हो गये हैं। ये मधुबनी मॉस्क एक तरह से अपनी परम्परा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को, स्वास्थ्य के साथ, रोजगारी भी दे रहे हैं।
उत्तर पूर्व में बम्बू यानी, बाँस, कितनी बड़ी मात्रा में होता है, अब इसी बाँस से त्रिपुरा, मणिपुर, असम के कारीगरों ने हाई क्वालिटी की पानी की बोतल और टिफिन बॉक्स बनाना शुरू किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में रक्षाबंधन का पावन पर्व का भी जिक्र करते हुए कहा कि, साथियो अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन आ रहा है। मैं इन दिनों देख रहा हूँ कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं। कई लोग इसे वोकल फॉर लोकल से भी जोड़ रहे हैं और बात भी सही है। हमारे पर्व, हमारे समाज के, हमारे घर के पास ही किसी व्यक्ति का व्यापार बढ़े, उसका भी पर्व खुशहाल हो तक पर्व का आनंद कुछ और ही हो जाता है। सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
आगामी 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) है, इस पर PM मोदी ने कहा- ''भारत का हैंडलूम हमारा हैंडीक्राफ्ट अपने आप में सैकड़ो वर्षों का गौरवमयी इतिहास समेटे हुए है। हम सभी का प्रया होना चाहिए कि, न सिर्फ भारतीय हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट का ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताना भी चाहिए कि, भारत का हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट कितना रिच है, इसमें कितनी विवधिता है, ये दुनिया जितना ज्यादा जानेगी, उतना ही हमारे लोकल कारीगरों और बुनकरों का लाभ होगा।''
पीएम मोदी ने कहा, सात समुन्द्र पार भारत से हजारों मील दूर एक छोटा सा देश है जिसका नाम है ‘सूरीनाम’। आज, सूरीनाम में एक चौथाई से अधिक लोग भारतीय मूल के हैं I क्या आप जानते हैं, वहाँ की आम भाषाओँ में से एक ‘सरनामी’ भी, ‘भोजपुरी’ की ही एक बोली है। हाल ही में श्री चन्द्रिका प्रसाद संतोखी, ‘सूरीनाम’ के नये राष्ट्रपति बने हैं, उन्होंने 2018 में आयोजित PIO, संसदीय सम्मेलन में हिस्सा लिया था। मैं श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी को बधाई देता हूँ।
मेरे प्यारे देशवासियो, इस समय बारिश का मौसम भी है। पिछली बार भी मैंने आप से कहा था, कि, बरसात में गन्दगी और उनसे होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है, इसलिए आप, साफ़-सफ़ाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दें।
इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजें, आयुर्वेदिक काढ़ा वगैरह लेते रहें। कोरोना संक्रमण के समय में हम अन्य बीमारियों से दूर रहें। हमें अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें, इसका पूरा ख्याल रखना होगा।
मेरा अपने युवाओं से सभी देशवासियों से अनुरोध है- हम स्वतंत्रता दिवस पर महामारी से आजादी का संकल्प लें। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लें। कुछ नया सीखने और सिखाने का संकल्प लें। अपने कर्तव्यों के पालन का संकल्प लें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बाढ़ का भी जिक्र करते हुए बोले-कोरोना काल में बाढ़ असम और बिहार के लिए नई चुनौती बनकर आई है। आपदा से प्रभावित लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है।
बता दें कि, वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने लोगों से बात करने के लिए रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। तभी से PM मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात करते हैं। तो वहीं दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी 14वीं बार मन की बात आज कर रहे हैं।
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