प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो रही बंद, जानिए इस योजना पर सरकार ने किया कितना खर्च?
राज एक्सप्रेस। कोरोना काल के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के 80 करोड़ लोगों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाय) के तहत मुफ्त राशन देने का ऐलान किया था। इसके बाद समय-समय पर केंद्र सरकार इस योजना को आगे बढ़ाती रही। लेकिन अब सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है। हालांकि इसके बावजूद लोगों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा, इसका कारण यह है कि सरकार अब नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना क्या है?
दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया था। ऐसे में गरीबों के सामने पेट भरने का संकट खड़ा ना हो, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत राशन कार्ड धारक गरीब परिवार को 5 किलोग्राम हर महीने फ्री राशन दिया गया था। यह अनाज आपको राशनकार्ड पर हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होता है।
कितना हुआ खर्च?
बीते दिनों केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में जानकारी देते हुए बताया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर सरकार ने अब तक कुल 3.90 लाख करोड़ रूपए का मुफ्त अनाज लोगों को उपलब्ध कराया है। इसके तहत गरीबो को 1118 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि सरकार ने 2021-22 में एमएसपी पर 2.75 लाख करोड़ की फसलों की रिकॉर्ड खरीद की है।
चुनावी लिहाज से हिट रही यह योजना :
नरेंद्र मोदी सरकार की यह योजना चुनाव के लिहाज से भी काफी सफल रही। इस योजना के शुरू होने के बाद देश में 14 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें से 9 राज्यों में भाजपा को सफलता मिली। ऐसे हम कह सकते हैं कि चुनावी दृष्टि से यह योजना सफल रही।
एनएफएसए के जरिए मिलेगा राशन :
हालांकि 80 करोड़ लोगों को अगले एक साल तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त राशन मिलता रहेगा। पीयूष गोयल ने कहा है कि लोगों को दिसंबर 2023 तक अनाज लेने के लिए एक रूपए का भी भुगतान नहीं करना पड़ेगा। उनके अनुसार सरकार एनएफएसए पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
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