संविदा पर भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान करने की मांग
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संविदा पर भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान करने की मांग

विद्या संबल योजना के तहत संविदा पर आधारित शिक्षको की भर्ती निरस्त कर अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण प्रावधान को लागू करते हुए नये हिसाब से भर्ती निकाले जाने की मांग की है।

जयपुर। राजस्थान में सामाजिक चेतना एवं विकास संस्थान जयपुर ने राज्य सरकार से विद्या संबल योजना के तहत संविदा पर आधारित शिक्षकों की भर्ती को निरस्त कर अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण प्रावधान को लागू करते हुए इसकी नये हिसाब से भर्ती निकाले जाने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष जगदीश नारायण रमन एवं महासचिव प्रभुदयाल जाटव ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर सरकार से यह मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने विद्या संबल योजना के तहत 93 हजार संविदा पर अस्थाई शिक्षकों की भर्ती का गत अक्टूबर में ज्ञापन जारी करने के बाद सामाजिक चेतना एवं विकास संस्थान जयपुर ने बिना आरक्षण का प्रावधान किए भर्ती करने का विरोध किया । उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर दलित सामाजिक संगठन उच्च न्यायालय की शरण में भी गये और इस मामले की सुनवाई 30 नवंबर को होनी है।

उन्होंने कहा कि वे संविदा भर्ती के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन नियम एवं प्रावधानों को ताक में रखकर की जा रही इस भर्ती के खिलाफ हैं और अभी तो सरकार ने इसे स्थगित किया है, हमारी मांग है कि इसे निरस्त किया जाना चाहिए और इसमें नियमानुसार आरक्षण का प्रावधान करते हुए नये हिसाब से भर्ती की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि संविदा के आधार पर की जानी वाली सभी भर्तियों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए जिसका प्रावधान भी है।

संगठन के मुख्य सलाहकार टेक चंद राहुल ने कहा कि संविदा पर 93 हजार अस्थाई शिक्षकों की जो भर्ती निकाली गई थी वह सरकार के आदेश के ही खिलाफ थी। उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्णय के बाद की स्थिति के मद्देनजर अगर सरकार ने इस पर कोई गौर नहीं करने पर संगठन आंदोलन का रुख अख्तियार करेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों संविदा के आधार पर करीब 93 हजार गेस्ट फैकल्टी शिक्षकों की भर्ती स्थगित कर दी थी।

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