
जोधपुर, राजस्थान। किसान एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। वे विभिन्न मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को तहसील मुख्यालय पर एकत्र होकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। मंगलवार को भारतीय किसान संघ की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
भारतीय किसान संघ ने मांगों का ऐलान नामा तैयार किया गया है, जिसमें मौजूदा नहर परियोजनाओं और सिंचाई क्षेत्रों का विस्तार, ऋण माफी के भरोसे कर्ज न चुकाने वाले किसानों को वित्तीय सहायता, गुणवत्ता में सुधार के साथ सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, आयोग को प्रस्ताव भेजना शामिल है। कृषि उत्पादों पर जीएसटी को समाप्त करने के लिए जीएसटी परिषद, किसान सम्मान निधि में राज्य द्वारा अतिरिक्त राशि, ब्याज मुक्त फसल ऋण, फसल बीमा दावा गारंटी में संशोधन और एमएसपी बाजार मूल्य से नीचे गिरने की स्थिति में बाजार हस्तक्षेप नीति के तहत फसल खरीद का आश्वासन।
भारतीय किसान संघ के राज्य सचिव तुलछा राम सिवार ने कहा कि, ''एक दिवसीय आंदोलन के बाद 17 जनवरी को जिला मुख्यालय पर सांकेतिक धरना दिया जाएगा, जहां जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो किसान जल्द ही जयपुर में महापड़ाव करेंगे।'' इससे पहले जोधपुर के पास मथानिया में किसानों ने बिजली की कमी और खराब गुणवत्ता के विरोध में प्रदर्शन किया था। मथानिया में प्रदर्शन किया था।''
3 जनवरी अघोषित बिजली कटौती से सिंचाई में बाधा और बार-बार ट्रिपिंग के खिलाफ हमारे विरोध को चिह्नित करने के लिए। हमने 6 जनवरी को जयपुर में अधिकारियों से मुलाकात भी की थी, लेकिन उनके आश्वासन के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। कम वॉल्टेज की विद्युत आपूर्ति के कारण रोजाना हजारों की संख्या में ट्यूबवैल की मोटरें जल रही हैं। इससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया, लेकिन विद्युत आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ। किसानों के प्रति सरकार व डिस्कॉम की असंवेदनशीलता के चलते किसानों को आंदोलन शुरू करना पड़ रहा है।
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