दिवाली की तैयारी में जुटे लोग- मिट्टी, गाय के गोबर और अन्य सामग्री से बने दीपक लोगों को कर रहे आकर्षित
हाइलाइट्स :
दिवाली को लेकर लोग तैयारी में जुट गए हैं
बाजारों में लाइटों, मिट्टी- गोबर के दीपक की बिक्री शुरू
गाय के गोबर से बनी सामग्री के प्रति बढ़ने लगा लोगों का रुझान
राजस्थान, भारत। पूरे देश में दिवाली बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है, खुशियों का ये पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा। ऐसे में लोग अभी से त्योहार की तैयारी में जुट गए हैं इधर बाजारों में रंग बिरंगी लाइटों, मिट्टी- गोबर के दीपक की बिक्री शुरू हो गई है वही, गाय के गोबर से बनी सामग्री के प्रति बढ़ने लोगों का रुझान लगा।
गाय के गोबर से बने दीपक:
इस बार दिवाली का त्योहार गाय के गोबर से बने दीयों से जगमगाएगा, इसके लिए गायों के गोबर से दीपक बनाए जा रहे हैं। ये दीपक रंग बिरंगे के साथ खूबसूरत भी हैं। राजस्थान के जयपुर में रोशनी के पर्व दिवाली के अवसर पर गाय के गोबर से बने दीपक एवं अन्य सामग्री के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने लगा हैं, मिट्टी एवं गोबर से बने दीपक एवं अन्य सामग्री राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एवं राजस्थान विभिन्न स्थानों पर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगी है।
बता दें, गाय के गोबर से निर्मित दीपक, भगवान की मूर्तियां, शुभलाभ एवं स्वास्तिक सहित अन्य सामग्री रोजगार का जरिया भी बनती जा रही वहीं इससे गाय के संरक्षण को भी बल मिलने लगा है। दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर कमल मीणा के अनुसार वह पिछले तीन चार साल से दीपावली के मौके पर देसी गाय के गोबर से दीपक, भगवान गणेश एवं लक्ष्मी की मूर्ति के साथ विभिन्न आकार में शुभलाभ, ओम , स्वास्तिक, धूप बत्ती, सामरानी कप (धूप) आदि बना रहे है और इस बार उनके गाय के गोबर से बनाई इस सामग्री के प्रति लोगों में रुझान ज्यादा देखने का मिल रहा है। उनकी सामग्री राजस्थान में भरतपुर एवं अन्य जगहों के अलावा दिल्ली में खूब पसंद की जाने लगी हैं।
उधर जयपुर में परंपरागत मिट्टी के दीपक को बढ़ावा एवं इसे रोजगार से जोड़ने के लिए श्रीराम सेवा संगम समिति पहल ने पहल करते हुए संस्था से जुड़े लोग घर घर जाकर मिट्टी के दीयों का वितरण कर रहे हैं। समिति के अनुसार समिति के करीब तीन दर्जन सदस्य गत चार महीनों से मिट्टी के दीपक बनाने का काम कर रहे हैं। समिति ने दीपावली के मद्देनजर लोगों को रोजगार से जोडऩे के लिए मिट्टी की कार्यशाला अभियान की शुरुआत की है और अब तक इसके तहत सौ से अधिक लोगों को रोजगार मिल चुका।
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