Rajasthan Elections: कांग्रेस से छूटेगा गुर्जर समाज का साथ, जानिए क्या है इसका कारण...
Rajasthan Elections: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के रिवाज़ को बदलने की कोशिश कर रहे है तो भाजपा अलग-अलग तरीकों से विरोध कर जनता को अपने साथ पुनः लाने का कार्य कर रही हैं। लेकिन कांग्रेस के लिए प्रतिदिन एक नई चुनौती सामने आते जा रही हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई से पहले ही कांग्रेस को हार का डर सता रहा है और अब गुर्जर समाज जिनका प्रभाव प्रदेश के लगभग 14 जिलों में होता है, वह भी अब कांग्रेस का साथ छोड़ने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी 28 जनवरी को देवनारायण भगवान के मंदिर आने वाले है जो की गुर्जर समाज के मुख्य देवता है।
गुर्जर समाज के समर्थन से बंधेगा जीत का सेहरा-
राजस्थान के 14 जिलों में गुर्जरों का प्रभाव है जिसमे से 12 लोकसभा क्षेत्र और 40 विधानसभा क्षेत्र हैं। राजस्थान में सरकार बनाने, बिगाड़ने और बचाने में भी गुर्जर समाज अहम भूमिका निभाता आया है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन जिलों में बीजेपी की झोली में पिछले चुनाव में एक भी जीत नहीं आई है। गुर्जर समाज ने एकतरफा कांग्रेस को समर्थन दिया था और कांग्रेस में गुर्जरों के सबसे बड़े नेता सचिन पायलट ही हैं और इस समाज ने सचिन पायलट को ही सीएम उम्मीदवार समझकर ही कांग्रेस को वोट दिया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और सीएम की कुर्सी पर गहलोत ही बैठे। गुर्जर समाज मौजूदा कांग्रेस सरकार से तभी से खफा चल रहा हैं।
पायलट सबसे बड़े गुर्जर नेता
राजस्थान में सचिन पायलट गुर्जर समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। गुर्जर वोटर भी उनका सम्मान करते हुए साथ देते हैं। यही वजह है कि गुर्जर समाज को कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है और यही वजह रही कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 9 गुर्जर प्रत्याशियों में से एक भी नेता की जीत नहीं हुई है। प्रदेश में मौजूदा आठों गुर्जर विधायक कांग्रेस से जुड़े हैं। सचिन पायलट ने बजट सत्र से पहले जो किसान सम्मेलन किए थे, उसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे है की उन्होंने अकेले ही अपनी चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है,और अब इसके बाद वह गुर्जर समाज बहुल इलाकों में जाकर जनसभा करने वाले है। यह अशोक गहलोत के लिए खतरे घंटी मानी जा रही हैं।
पीएम मोदी का भीलवाड़ा दौरा
भगवान देवनारायण के जन्म महोत्सव में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शामिल होने आ रहे हैं। पीएम मोदी राजस्थान के भीलवाड़ा, भगवान देवनारायणजी के 1111वें प्रकटोत्सव के उपलक्ष में देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा करने आ रहे है। 28 जनवरी को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित मालासेरी डूंगरी पर भगवान देवनारायण मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे जिसके बाद वह बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।
भगवान देवनारायण गुर्जर समाज के मुख्य और महत्वपूर्ण देवता माने जाते है और भीलवाड़ा का देवनारायण मंदिर इस समाज के लिए काफी धार्मिक और जरूरी है,जिसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने इस जगह में भी महाकाल और काशी विश्वनाथ के कॉरिडोर जैसा देवनारायण कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा था। पीएम नरेंद्र मोदी उसी कॉरिडोर की घोषणा स्वयं करने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा है की भाजपा की इस कदम से गुर्जर समाज कांग्रेस से हटकर अब विपक्ष की ओर चला जाएगा।
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