साइबर क्राइम और फ्रॉड से निपटने के लिए राजस्थान सरकार का नया प्लान, सीएम ने दी जानकारी
जयपुर,राजस्थान। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साइबर फ्रॉड और साइबर आतंकवाद जैसे मुद्दों से निपटने के लिए "सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी,काउंटर टेररिज्म एंड एंटी इन्सर्जेंसी" की स्थापना की घोषणा की है।
उन्होंने अपने ट्विटर पर इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि
"राज्य सरकार द्वारा साइबर सिक्योरिटी को और मजबूत बनाया जा रहा है। इन अपराधों की रोकथाम और आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी, काउंटर टेरेरिज्म एंड एंटी-इन्सर्जेंसी की स्थापना की जा रही है। सेंटर की स्थापना और उपकरणों के लिए 18.40 करोड़ की स्वीकृति दी है।"
उन्होंने आगे कहा कि:
"इस स्वीकृति से सेंटर के अंतर्गत राज्य स्तरीय, रेंज/आयुक्तालय स्तरीय तथा जिला स्तरीय लैब विकसित की जाएगी। लैब में राज्य के लिए साइबर सुरक्षा, अपराधों की सूचना, अनुसंधान तथा रोकथाम के लिए विभिन्न राज्य तथा देशों में मौजूद सरकारी एजेंसियों से संपर्क कर सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा।सेंटर की स्थापना से नए-नए मालवेयर, थ्रेट्स, वायरस के बारे में अपडेट किए जाने में सहायता मिलेगी। साथ ही, साइबर क्राइम के बारे में नवीनतम अपडेट्स के लिए राज्य स्तरीय लैब में प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा।"
भारत में पिछले 3 साल में 16 लाख केस
दिसंबर 2022 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में देश में 16 लाख से अधिक साइबर अपराध की घटनाएं हुई है। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, 2020 से अब तक 32,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा था कि " 'नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली' वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखाधड़ी करने वालों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए शुरू की गई है। 2021 में साइबर क्राइम के संबंध में 3,500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जब इस श्रेणी के तहत 14,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।
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