डुंडीगल में IAF अकादमी में बोले राजनाथ सिंह- हमारा भारत कोई कमजोर नहीं

हैदराबाद के डुंडीगल में एयर फोर्स अकादमी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड का जायज़ा लिया और इस दौरान उन्‍होंने वायु योद्धाओं को संबोधित कर कई महत्‍वपूर्ण बातें कही...
डुंडीगल में IAF अकादमी में बोले राजनाथ सिंह- हमारा भारत कोई कमजोर नहीं
डुंडीगल में IAF अकादमी में बोले राजनाथ सिंह- हमारा भारत कोई कमजोर नहींPriyanksa Sahu -RE

हैदराबाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तेलंगाना की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, इस दौरान आज 19 दिसंबर को हैदराबाद के डुंडीगल में एयर फोर्स अकादमी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड का जायज़ा लिया और फिर भारतीय वायु सेना अकादमी में वायु योद्धाओं को संबोधित किया।

देश को एक से बढ़कर एक शानदार ऑफिसर्स :

इस दौरान डुंडीगल में एयर फोर्स अकादमी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- आज इंडियन एयरफोर्स एकेडमी की पासिंग आउट परेड में आप सभी के बीच आकर मुझे बेहद खुशी और गौरव की अनुभूति हो रही है। भारतीय वायु सेना, आर्मी, नेवी, तटरक्षक बल और ‘हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड’ के ट्रेनेस्स को ट्रेनिंग देने वाली इस अकादमी ने देश को एक से बढ़कर एक शानदार ऑफिसर्स दिए हैं। इन ऑफिसर्स ने न केवल अपना, बल्कि भारत का नाम भी ऊंचा किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ''अपने देश के प्रहरी होने का गौरव और ज़िम्मेदारी बड़े सौभाग्य की बात होती है । मुझे पूरा भरोसा है कि, आप इस ज़िम्मेदारी को पूरी मुस्तैदी और ईमानदारी से निर्वाह करेंगे। आज जब वायुसेना की यह प्रतिष्ठित एकेडमी, अपनी गोल्डन जुबली से बस कुछ कदम दूर है, हम संकल्प लें कि, अपने राष्ट्र की सुरक्षा, सम्मान और उसके प्रति समर्पण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।''

साथियों, अब आप जिस संगठन के अंग हैं, उसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है। देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए इंडियन एयरफोर्स ने जरूरत पड़ने पर दुश्मनों के हौसले पस्त करने वाले शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

एयर फोर्स अकादमी में रक्षा मंत्री द्वारा कही गई बातें :

  • 1961 के ‘गोवा मुक्ति संग्राम’ से लेकर 65 के ‘Indo-Pak युद्ध’, 71 के ‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम’, 84 के ‘ऑपरेशन मेघदूत’, 99 में ऑपरेशन ‘सफ़ेद सागर’ और हाल ही में ‘बालाकोट’ के कुछ ऐसे अध्याय हैं, जो न केवल वायुसेना के, बल्कि हमारे देश के इतिहास के ‘ Golden Chapters’ हैं।

  • हमारे Air Warriors ने जिस तरह अपना सर्वस्व दाँव पर लगाकर, देश की आन बान शान पर कोई आँच नहीं आने दी, वह अपने आप में एक मिसाल है।

  • उत्तरी सेक्‍टर में हाल ही में हुए Indo-China stand-off से आप सभी परिचित हैं। कोविड जैसे संकट के समय में चीन का यह रवैया उस देश की नीयत को दिखाता है।

  • हमने यह दिखा दिया है कि अब यह हमारा भारत कोई कमजोर भारत नहीं है। यह एक नया भारत है जो किसी भी तरह के transgression, aggression या सीमाओं पर किसी भी तरह के unilateral action का माकूल और मुक्कमल जवाब देने की कूबत रखता है।

  • हमारे द्वारा उठाए गए कदमों की प्रसंशा और समर्थन कई बड़े देशों द्वारा भी हुई है, आप सब भी इससे अवगत होंगे। हम किसी भी विवाद का समाधान, शांतिपूर्ण और बातचीत के जरिए ही निकालने में यकीन रखते हैं।

  • दोनो देशों के बीच Military और Diplomatic channels के ज़रिए बातचीत हो रही है। मैं फिर से कहना चाहूँगा कि हम संघर्ष नहीं बल्कि शांति चाहते हैं। मगर देश के स्वाभिमान पर किसी भी तरह की चोट हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम किसी भी स्थिति का मुक़ाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

  • इसी तरह western sector में, पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर आए दिन हमारा पड़ोसी कुछ न कुछ नापाक हरकतें करते रहता है। एक नहीं बल्कि चार युद्धों में मात खाने के बाद भी पाकिस्तान आतंकवाद के ज़रिए एक प्रॉक्सी वार लड़ रहा है।

आतंकवादियों के ख़िलाफ़ बोले राजनाथ सिंह :

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि, ''अब तो भारत आतंकवादियों के ख़िलाफ़ देश के भीतर ही नहीं, बल्कि सीमा पार जाकर भी प्रभावी कार्रवाई कर रहा है। बालाकोट में इंडियन एयर फोर्स ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ प्रभावी कारवाई करके सारी दुनिया को भारतीय सेना की ताक़त और आतंक के ख़िलाफ उसके मजबूत इरादों से परिचित करा दिया है।''

मैं मानता हूँ कि आने वाले दिनों में Defence केवल जल-थल-वायु की रक्षा तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह एक ऐसा dynamic challenge होगा जिसके लिए हमें आने वाले दिनों में खुद को तैयार करना होगा। इसलिए आप सभी technologies और Military strategies की अपनी knowledge को अपडेट करते रहें। मेरा सुझाव है कि आप इतिहास से सीखें, वर्तमान को जानें और भविष्य की तैयारी करें।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा- इंडियन एयर फोर्स आज देश में force multiplier के साथ-साथ supply lines की मज़बूती के लिए काम कर रही हैं। आज लद्दाख़ में मौजूद हमारी सेनाएं, जरूरी हथियारों, इक्विपमेंट, कपड़े और राशन से लैस हैं, तो उसमें इंडियन एयर फोर्स का पूरा योगदान है। एक तरफ जहां हमने indeginous ‘लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ तेजस को induct, और operationalise किया है, वहीं दूसरी और Fifth Generation Multirole फ़ाइटर प्लेन, राफेल को भी शामिल किया है। इससे airforce की capabilities तो बढ़ी हैं साथ ही Airforce में एक नया confidence भी आया है।

आप लोगों को बताते हुए मुझे ख़ुशी हो रही है, कि Air Defence और Maritime Command के बारे में सोच-विचार advanced stage पर चल रहा है जो आने वाले समय में हमारी सेनाओं को integrated और comprehensive तरीक़े से काम करने में सहूलियत देगा।

मनाई जा रही विजय की गोल्‍डन जुबली :

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में ये भी कहा- इस साल 1971 के युद्ध में हुई विजय की गोल्‍डन जुबली मनाई जा रही है। यह साल है उन सभी योद्धाओं को याद करने का जिन्होंने भारत के लिए पराक्रम और शौर्य की दास्तान लिखी और कई बहादुरों ने अपनी जान तक क़ुर्बान कर दी। 1971 में flying officer निर्मलजीत सिंह सेखों जैसे सूरमाओं की कहानी और क़ुर्बानी भला कौन भूल सकता है? 1971 की विजय की गौरव गाथा को हम इस साल जन-जन तक पहुचाने जा रहै हैं। मैं एक बार फिर आप सभी के सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मुझे पूरा विश्वास है, कि आप अपनी उपलब्धियों से अपने trainers, माता-पिता और सारे देश को गौरवान्वित करेंगे। एक सुनहरा भविष्य आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।

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