SIDM के MSME कॉन्क्लेव में राजनाथ सिंह का संबोधन
SIDM के MSME कॉन्क्लेव में राजनाथ सिंह का संबोधन Rajexpress

SIDM के MSME कॉन्क्लेव में राजनाथ सिंह का संबोधन, कहीं ये अहम बातें...

दिल्ली में आज SIDM द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित कर कहा- MSMEs, हमारे डिफेंस सेक्‍टर में already महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

दिल्‍ली, भारत। दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया।

MSME कॉन्क्लेव में राजनाथ सिंह का संबोधन :

एसआईडीएम द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव को राजनाथ सिंह ने संबोधित करते हुए कहा- MSMEs, हमारे defence sector में already महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह Conclave हमारी MSMEs को defence production sector के एक बेहतरीन platform पर लाकर, नई opportunities से अवगत कराते हुए उनकी overall growth में सहायक होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। महज़ कुछ members के साथ शुरू हुआ SIDM परिवार, आज 500 members का आंकड़ा पार कर चुका है। साथ ही states में expansion की शुरुआत, UPEIDA जैसी Authorities के साथ investment promotion के लिए किए गए MoUs, आपके vision और approach को स्पष्ट तरीके से दिखाते हैं।

MSMEs एक तरफ से ऐसी entities को सहयोग देकर, यानी sub-systems और component level पर quality product का निर्माण कर राष्ट्रीय सुरक्षा में अपनी भूमिका सुनिश्चित करती हैं, तो दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए direct और indirect रोज़गार के अवसर पैदा कर एक विकास-स्तम्भ भी बनती हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • आज जब लगातार बदलते सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हमारी प्राथमिकता बन चुकी है, मैं समझता हूं यह सबसे उपयुक्त समय है जब हम रक्षा क्षेत्र में MSMEs के पूरे potential को उजागर करने की ओर आगे बढ़ें।

  • भारत सरकार ने हाल ही में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र विशेष रूप से MSMEs की क्षमताओं का उपयोग करके 'मेक इन इंडिया' के तहत देश में डिफेंस और Aerospace equipment के स्वदेशी design, development और manufacturing को बढ़ावा देने के लिए कई पहल और नीतिगत सुधार किए हैं।

  • भारतीय निर्यात को बढ़ावा देना भारत सरकार का प्राथमिक एजेंडा है, ताकि भारत आने वाले समय में net importer की बजाय net exporter बन सके। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक 35000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करना है।

  • वर्तमान में भारत लगभग 70 देशों को रक्षा निर्यात कर रहा है और स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI), 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत रक्षा निर्यात में शीर्ष 25 देशों की सूची में है।

  • Start-ups/MSMEs को प्रोत्साहित करने के लिए, खरीद के मामले जहां अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये/वर्ष से अधिक नहीं है या कुल मूल्य 150 करोड़ रुपये से कम है, इनमें जो भी अधिक हो, ऐसी योजनाओं के लिए MSMEs को बिना किसी वित्तीय शर्त के RFP जारी किया जाएगा।

  • Make categories के तहत परियोजनाएं, जिनकी खरीद AON की मांग के समय डिलीवरी शेड्यूल के आधार पर 100 करोड़ रुपये / वर्ष से अधिक नहीं है, को भी MSMEs के लिए निर्धारित किया जाएगा।

  • रक्षा मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 तक अगले 5 वर्षों के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये के budgetary support के साथ iDEX के लिए एक central sector scheme को मंजूरी दी है। यह योजना Defence Innovation Organisation (DIO) के माध्यम से लगभग 300 start-ups/MSMEs/individual innovators और लगभग 20 Partner incubators को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

  • नई defence technologies के विकास को बढ़ावा देने और देश में बढ़ते start-ups base का support करने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने 2021-22 के दौरान iDEX start-ups से खरीद के लिए 1000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।

  • इसी तरह सृजन पोर्टल, 209 वस्तुओं की 'positive indigenisation list’, 'Strategic Partnership Model’ जैसे अनेक कदम हैं जो हमारी industries को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाए गए हैं। ज़ाहिर है इनका लाभ हमारी MSMEs को भी समान रूप से मिलेगा।

  • आज जब हम अपनी आजादी का 'अमृत महोत्सव' मना रहे हैं, तो इससे अच्छा अवसर क्या होगा, कि हम एक बार फिर 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' के अपने संकल्प को दोहराएँ। हम अपने अतीत से सीखते हुए, वर्तमान पर काम करते हुए, भविष्य को सशक्त बनाएँ।

  • सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के परिणाम आज हमारे सामने हैं। जैसा कि मैंने शुरू में ही कहा, SIDM के साथ 500 से अधिक members इन्हीं नीतियों के परिणाम हैं। पिछले 7 वर्षों में हमारे defence export का, 38 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर जाना इन्हीं नीतियों के परिणाम हैं।

  • आप सभी संभवतः जर्मनी के ‘Mittelstand’के बारे में अवगत होंगे, जो वहाँ का जाना-माना industrial base है और जहाँ की manufacturing और production का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। आप सब इस बात पर विचार करें कि क्या हम India का ‘मिट्टल-स्टंट’ create नहीं कर सकते। मुझे लगता है हम यह जरूर कर सकते हैं और एक दिन कर के रहेंगे। SIDM और यहाँ उपस्थित आप सभी MSMEs के representatives की इसमें अहम भूमिका होने वाली है।

  • आज दुनिया में छोटी घड़ी से लेकर बड़े जहाज तक, जितनी भी छोटी-बड़ी technologies हैं, उनकी शुरुआत किसी समय low scale पर ही हुई थी। ऐसे में आप भी, defence technologies की R&D में invest करके आने वाले समय में अपनी और राष्ट्र की सुरक्षा और प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

  • मैं एक बार फिर आप सबको आश्वस्त करता हूँ कि सरकार आप सभी के हर कदम पर पूरी तरह साथ है। मैं इस conclave की सफलता की शुभकामनाएँ देता हुए, एक बार फिर आप सभी को धन्यवाद देता हूँ, और अपना निवेदन समाप्त करता हूँ।

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