विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राजनाथ सिंह
विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राजनाथ सिंहSocial Media

विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोले राजनाथ- आज हमारा देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है

पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, विश्व-भारती, अपने नाम के अनुरूप ही, अपने और गुरुदेव के values को स्पष्ट करती हैI

पश्चिम बंगाल, भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए और अपने संबोधन में यह बातें कहीं।

विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- विश्व-भारती, अपने नाम के अनुरूप ही, अपने और गुरुदेव के values को स्पष्ट करती हैI विश्व भारती एक ऐसा शब्द है, जिसमें ‘विश्व’ भी है, और ‘भारती’ भी हैI यानी समस्त विश्व के आचार-विचार और व्यवहार के साथ भारत के संबंधों का विकास, और विश्व की सभ्यताओं से best elements का आदान-प्रदान। विश्व भारती का motto ‘यत्र विश्वम् भवति एक नीड़म्’ अर्थात् ‘जहां संपूर्ण विश्व एक ही नीड़ में, यानी nest में निवास करता है’, समस्त विश्व के प्रति भारतीय भाव का expression हैI यह temple of learning, गुरुदेव के ज्ञान का मूर्त स्वरूप है, उनकी ज्ञान-साधना का प्रतिफल है।

भारतीय राष्ट्रवाद teritorial न होकर, cultural है I West के Nationalism में territory, यानी भूमि पहले है, और consciousness, यानी चेतना बाद में, जबकि Indian Nationalism में consciousness पहले है, territory बाद में। गुरुदेव ने पश्चिम के nationalism का जो स्वरूप देखा था, उसने imperialism और militarism को जन्म दिया, जिसका परिणाम World Wars की विभीषिका के रूप में हमारे सामने आया। Indian nationalism तो गुरुदेव के words से ज्यादा उनकी Deeds में देखा जा सकता हैI Britishers द्वारा जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद अपनी prestigious ‘नाइटहुड’ की उपाधि वापस कर देना इसका बड़ा प्रमाण है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • आज जब हमारा देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है, देश Science & Technology के क्षेत्र में नए-नए standards स्थापित कर दुनिया भर में अपनी धाक जमा रहा है, ‘Make in India’ से होते हुए ‘Make for the world’ की राह पर आगे बढ़ रहा है, तो निश्चित ही यह गुरुदेव के vision का परिणाम है।

  • हम इसी तरह से आगे बढ़ते रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा भारत, दुनिया की topmost economies में से एक होगाI हमारा देश, दुनिया की 5th largest economy के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आप सभी ने हाल ही की Morgan Stanley की report देखी होगी, इस report में कहा गया है कि अगले  4-5 साल में हमारे देश की economy, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी economy होने वाली है।

  • मुझे उम्मीद है कि 2047 तक हमारा देश third या second नहीं, बल्कि top economy के रूप में दुनिया के सामने होगाI यह उपलब्धि, गुरुदेव को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी, ऐसा मेरा मानना है। गुरुदेव का मानना था, कि जब तक हमारा social transformation नहीं होता, social empowerment नहीं होता, हमारे समाज से evils, orthodoxies और superstitions नहीं मिटते हैं, women empowered नहीं होती हैं, तब तक हमारा देश आगे नहीं बढ़ सकता है।

  • आज जब हम समाज से caste discrimination के elimination का प्रयास कर रहे हैं, women empowerment का निरंतर प्रयास कर रहे हैं, किसानों मजदूरों को सशक्त कर रहे हैं, तो यह सब Indian society और politics दोनों को ही सशक्त करने का प्रयास है, और इसके पीछे गुरुदेवजी की ही प्रेरणा है।

  • पश्चिम ने एक समय में अपने schools और colleges की ऐसी संरचना की, जो बंद कमरे में बड़ी संख्या में बच्चों को शिक्षित करने पर आधारित थी। ऐसी संस्थाएं मानो school न हों, बल्कि assembly line factory हो, जहां बच्चों के अंदर knowledge भरा जाता हो। ऐसी संस्थाएँ Mass production करने लग गईं, जहां कम cost में ज्यादा से ज्यादा educated बच्चे बाहर निकल सकें, और "One size fits all" के रूप में समाज में आ सकें। ऐसे में किसी बच्चे की individuality कैसे develop हो सकेगी।

  • नई National Education Policy में हमने बच्चों के Personality developoment, और उचित teacher-pupil ratio पर भी पूरा ध्यान दिया है। जब गुरुदेव ‘चित्त जेथा भयशून्य, उच्च जेथा शिर’ कहते हैं, तो उसका कोई सामान्य अर्थ नहीं होता हैI Indian tradition में pursuit of truth में किसी भी प्रकार के fear का कहीं कोई स्थान नहीं बताया गया हैI बल्कि किसी भी प्रकार का भय, स्वयं असत्य और अविद्या का सूचक है।

  • ‘जेथा गृहेर प्राचीर, आपन प्रांगणतले, दिवस-शर्वरी वोशुधारे, राखे नाई खंडो क्षुद्रो कोरि। इसे हमारे यहां ‘वसुधैव कुटुंबकम’ भी कहा गया है; यानी Whole world is a family, जहां अपने पराए का कोई भेद नहीं है, और समस्त जीवों में, जड़-चेतन में एक ही तत्व के वास की कल्पना की गई है।

  • मैं आप सभी का आह्वान करता हूं, कि आप सभी अपने जीवन में कुछ अच्छा करें, कुछ नया सोचें, और जीवन और समाज में कुछ बेहतर करने की ओर आगे बढ़ें। आप अपने जीवन में जो भी कुछ कर रहे हों, या करने जा रहे हों, यह जरूर सोचें, कि उससे आपके देश और मानवता को क्या मिलने वाला है। आप सभी जानते हैं, कि किसी समय महात्मा गांधी जी के राजनैतिक गुरु श्री गोपाल कृष्ण गोखले ने कहा था, कि ‘What Bengal thinks today, India thinks tomorrow. इस कथन को फिर से साकार करने की जरूरत है और इसकी responsibility आप जैसे युवाओं के ऊपर ही है।

  • मैं समझता हूँ आज बंगाल में re-awakening की आवश्यकता है, जिससे यह भूमि एक बार फिर, पूरे देश को ज्ञान-विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में नया योगदान दे सके। मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस दिशा में पूरी commitment के साथ आगे बढ़ेंगे।

  • मेरी कामना है कि जैसे कभी गुरुदेव ने humanity को ‘विश्व-भारती’ जैसा institution दिया था, उसी तरह ‘विश्व-भारती’, humanity को एक ‘गुरुदेव’ प्रदान करे। गुरुदेव जैसा वह व्यक्तित्व कहीं और से नहीं, बल्कि आप के बीच से ही निकलकर सामने आएगा और मानवता की आगे की राह प्रशस्त करेगा। जीवन में आगे बढ़ने के लिए, और उसे नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए हमें dreams की जरूरत होती हैI पर इसके साथ ही यह भी आवश्यक है, कि आप अनेक dreams में ही उलझकर न रह जाएँI ऐसा न हो कि आपके सपने ही आपको control करने लगें।

  • आपके जीवन में आपको सफलता भी मिलेगी, विफलता भी मिलेगीI Ups and Downs आते जाएंगे पर आपके अंदर वह capacity होनी चाहिए, कि आप उनसे distract हुए बिना, अपने आपको balanced तरीके से आगे बढ़ाते जाएंI यही आपकी सफलता की राह तैयार करेगा।

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