विपक्ष के भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

विपक्ष के एक सदस्य ने एक कागज के टुकड़े को फाड़कर फेंक दिया। उप सभापति ने इसके बाद सदन की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष के भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
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नई दिल्ली। राज्य सभा के एक चैंबर के दरवाजे का कांच तोड़े जाने की घटना की सभापीठ द्वारा भर्त्सना किये जाने का कड़ा विरोध करते हुए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने गुरुवार को भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण 12:30 बजे से पहले सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की गयी।

उप सभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि कल एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुयी, जिसमें सदन की कार्यवाही से वंचित किए गए एक सदस्य ने राज्य सभा के चैम्बर में प्रवेश करने की कोशिश की। इस दौरान दरवाजे के कांच को तोड़ने की कोशिश की गयी, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी को चोटें आई हैं। सुरक्षाकर्मी ने इसकी शिकायत सभापति से की है, जिसकी जांच की जा रही है। हम इस घटना की भर्त्सना करते हैं।

सदन में सामान्य दिनों की तुलना में आज अधिक संख्या में महिला और पुरुष मार्शलों को तैनात किया गया था। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हाथ में काली पट्टी बांधकर आये थे। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों का हंगामा बढ़ गया। इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि नियम 255 के तहत कल उनकी पार्टी के सदस्यों को सदन की कल की बैठक की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित किये जाने के बाद उन्हें अंदर आने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की एक सदस्य अपना बैग लेने आ रही थीं और आज फिर उन्हें आने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये।

सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सेनेटाइज करने के लिए चैम्बर को बंद किया गया था। कांच तोड़ने और एक सुरक्षाकर्मी को चोटें आने की घटना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि वह सदस्यों को कोई बाधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं।

इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि कल की घटना कोई नयी नहीं है। सदस्य प्रदर्शन करते रहे हैं और यहां अपनी बात कहते रहे हैं। यह संसदीय लोकतंत्र की विशेषता है। उन्होंने कहा कि दिवंगत अरुण जेटली ने यहीं कहा था कि गतिरोध लोकतंत्र का हिस्सा है। इसके बाद सदन की बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। साढ़े 11 बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी भुवनेश्वर कलिता ने हंगामे के कारण सदन की बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे उप सभापति हरिवंश ने जैसे प्रश्न काल शुरू किया, वैसे ही श्री खडगे ने कहा कि कल तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को सदन की कार्यवाही में शामिल होने से वंचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि नियम 255 के तहत सभापति किसी सदस्य के अनुचित व्यवहार को लेकर उस दिन की कार्यवाही से उसे वंचित कर सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को कल दिन भर की कार्यवाही के लिए वंचित किया गया था। सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित किये जाने के बाद तृणमूल की एक सदस्य अपना बैग लेने आयी थीं। वह श्री सुखेन्दु शेखर रॉय के बयान का समर्थन करते हैं।

इसके बाद सदन के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्षी दलों के हंगामे और प्रदर्शन पर आपत्ति नहीं है। कल सुरक्षाकर्मी के साथ हाथापाई की कोशिश हुई और हिंसक घटनायें हुईं। कुछ सदस्य सदन को हाईजैक करना चाहते हैं।

लहराए प्लेकार्ड और नारेबाजी की :

इसके बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये, वे प्लेकार्ड लहराने और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के दौरान ही प्रश्न काल शुरू हो गया जो करीब 25 मिनट तक चला। हंगामे और शोर के कारण मंत्रियों के उत्तर स्पष्ट रूप से नहीं सुने जा सके। इसी दौरान विपक्ष के एक सदस्य ने एक कागज के टुकड़े को फाड़कर फेंक दिया। उप सभापति ने कहा कि यह असंसदीय आचरण है और इसको लेकर सदस्य के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके बाद सदन की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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