किसान आंदोलन: अब चेतावनी भरे अंदाज में राकेश टिकैत ने दिया यह बड़ा बयान
दिल्ली, भारत। कृषि कानूनों के विरोध को लेकर शुरू हुए आंदोलन को एक साल हो चला है, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीनों विवादस्पद कृषि कानून रद्द किए जाने के बाद भी किसानों को आंदाेलन खत्म ही नहीं हो रहा है। अब आंदोलनकारी किसान MSP को लेकर अड़े हुए हैं।
राकेश टिकैत का बड़ा बयान :
दरअसल, किसानों के आंदोलन खत्म करने को लेकर अलग-अलग राय सामने आने लगी हैं, इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का आज मंगलवार को चेतावनी भरे अंदाज में एक बड़ा बयान सामने आया है, इस दौरान राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाला कुछ इस तरह का बयान दिया है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, "किसानों की घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है।" उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि, "न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा।"
अगर 1 जनवरी तक MSP पर कानून नहीं बनता है, तो ये मुद्दा भी किसानों के आंदोलन में मांग का हिस्सा बन जाएगा। हालांकि, सरकार ऐसा बिल्कुल नहीं होने देगी, इसलिए अगले महीने तक ये आंदोलन खत्म हो जाएगा।
BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत
एक दिसंबर को एसकेएम की बैठक होगी :
बता दें कि, किसानों का एक धड़ा आंदोलन खत्म करने को लेकर अगुवाई कर रहा है एवं कुछ नेता अपनी अन्य मांगों पर आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं। तो वहीं, बीकेयू 'कादियान' के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने बताया कि, ''एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक होगी। इसके बाद आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि, 1 दिसंबर को होने वाली बैठक के अलावा एसकेएम ने 4 दिसंबर को अपनी अगली बैठक बुलाई हुई है।''
जानकारी के लिए बताते चलें कि, कल सोमवार को संसद के दोनों सदनों राज्यसभा एवं लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पारित हो चुका है। इस बिल को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदनों में पेश किया था, जो विपक्ष के हंगामे के बीच पास हुआ है।
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