फ्रिज और प्याज से हो सकता है ब्लैक फंगस ?, क्या है एक्सपर्ट्स का कहना

पूरे देश से अब तक ब्लैक फंगस बीमारी के 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच ब्लैक फंगस को लेकर कई तरह की खबरें वायरल हो रही है। जिसमे बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।
फ्रिज और प्याज से हो सकता है ब्लैक फंगस ?, क्या है एक्सपर्ट्स का कहना
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राज एक्सप्रेस। आज पूरे भारत में कोरोना का आंकड़ा जंगल की आग की तरह बढ़ता जा रहा है। ऐसे में देश में हर दिन हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। इसी बीच देशभर में अब ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का प्रकोप भी बढ़ता नजर आरहा है। अब तक कई राज्यों से इसके कुछ एक मामले सामने आ चुके हैं। इस प्रकार पूरे देश से अब तक ब्लैक फंगस बीमारी के 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच ब्लैक फंगस को लेकर कई तरह की खबरें वायरल हो रही हैं। जिसमे बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे :

दरअसल, कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लैक फंगस को लेकर ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि, ब्लैक फंगस घर में मौजूद फ्रिज और प्याज से भी हो सकता है और हमें इस 'घरेलू ब्लैक फंगस' से सावधान रहने की जरूरत हैं। बताते चलें, इन दावों में ऐसा कहा जा रहा है कि, कई बार घर में रखी प्याज में एक काली सी परत जम जाती है। वो काली परत आपने हमने हर किसी ने देखी होगी वो कुछ और नहीं बल्कि वहीं ब्लैक फंगस है। इसके अलावा घर में मौजूद रेफ्रिजरेटर की बात करें तो, आपने कई बार देखा होगा आपके घर के फ्रिज में रबर पर काली परत जम जाती है उसे भी ब्लैक फंगस ही बताया जा रहा है।

क्या यही है ब्लैक फंगस ?

खबरों में कहा गया है कि, यदि इन दोनों चीजों पर जमी इस काली परत पर समय से ध्यान न दिया गया और इन्हे साफ़ नहीं किया गया तो, यही ब्लैक फंगस का रूप ले लेता है और फ्रिज में जमी यह फंगस फ्रिज में रखे खाद्य पदार्थों के जरिए आपके शरीर में आसानी से घुस सकती है। बता दें, जब इस दावे पर रिसर्च की गई तो सच सामने आया जो कि, कुछ इस प्रकार था।

'रेफ्रिजरेटर के अंदर एक काला मोल्ड बनाने वाला फंगस और प्याज पर काली परत बनाने वाला फंगस, म्यूकरमाइकोसिस का कारण बनने वाले फंगस से बिल्कुल अलग है। इसलिए किए जा रहे सभी दावे गलत हैं।'

एम्स के डायरेक्टर का कहना :

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि, 'फंगल संक्रमण को रोकने के लिए आक्रामक तरीके से काम करने की जरूरत है। कोविड-19 के मामलों में कमी आने से फंगल संक्रमण के मामलों में कमी आने की संभावना है। याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, म्यूकरमाइकोसिस ब्लैक फंगस नहीं है। यह एक गलत नाम है। दरअसल, ब्लड की सप्लाई कम होने के कारण त्वचा का रंग कुछ फीका पड़ जाता है। इससे ऐसा लगता कि वह जगह काली हो गई। जिसके चलते इसे ब्लैक फंगस नाम मिला।'

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