तस्करी मुक्त राष्ट्र के लिए RPF ने AVA के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
राष्ट्र को तस्करी से मुक्त बनाने के एक साझा उद्देश्य से एक साथ मिलकर काम करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक श्री संजय चंदर ने 8 अप्रैल 2022 को श्री कैलाश सत्यार्थी की उपस्थिति में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) की सीईओ सुश्री रजनी सिब्बल के साथ विस्तृत विचार-विमर्श शुरू किया था।
आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के साथ विचार-विमर्श को आगे बढ़ाया गया, जिसमें आरपीएफ और एवीए (बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है) दोनों ने सूचना साझा करने, मानव तस्करी के खिलाफ काम करने के लिए आरपीएफ कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों की क्षमता बनाने, संवेदनशीलता बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने और मानव तस्करी के मामलों की पहचान करने और पता लगाने में एक-दूसरे की मदद करने के उद्देश्य से एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
समझौता ज्ञापन के कार्यक्रमों के तहत दोनों हितधारकों द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई से निश्चित रूप से देश भर में आरपीएफ द्वारा शुरू किए गए "ऑपरेशन एएएचटी" (मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई) की व्यापकता, पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ेगी। एसोसिएशन ऑफ वॉलंटरी एक्शन (एवीए) को बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। यह कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1979 में नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में की गई थी।
इसकी स्थापना का उद्देश्य बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को खत्म करना और एक ऐसी दुनिया बनाना जहां सभी बच्चे स्वतंत्र, सुरक्षित और स्वस्थ हों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करते हों। एवीए का उद्देश्य सहयोगात्मक कार्यों, राष्ट्रीय और वैश्विक नीतियों को सशक्त करके, कर्तव्य निर्वहन करने वाले लोगों का क्षमता निर्माण करके, नीति के कार्यान्वयन में सर्वोत्तम तरीकों की पहचान करके और बाल संरक्षण से संबंधित नियामक ढांचे को मजबूत करके इस मिशन को पूरा करना है। यह देश भर में फैले समर्पित फील्ड एजेंटों और स्वयंसेवकों के एक बड़े नेटवर्क के बल पर एक महत्वपूर्ण हितधारक है। बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) पुलिस/आरपीएफ के साथ बाल तस्करी के खिलाफ सूचना साझा कर रहा है और तस्करों की गिरफ्तारी/पीड़ितों को बचाने में सहायता कर रहा है और बच्चों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के क्षेत्र में जानकारी और विशेषज्ञता तैयार करता है।
भारतीय रेल देश के लिए प्राथमिक ट्रांसपोर्टर है और इसलिए मानव तस्करों के लिए परिवहन का एक प्रमुख रूट है। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तैनात आरपीएफ कर्मियों को पीड़ित के गंतव्य तक पहुंचने और शोषण शुरू होने से पहले तस्करी को रोकने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात किया जाता है। अपनी रणनीतिक तैनाती और पूरे भारत में अपनी उपस्थिति के बल पर, आरपीएफ मानव तस्करी को रोकने के लिए देश के प्रयासों में एक पूरक की भूमिका निभा सकता है।
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