यूक्रेन संकट पर लोकसभा में एस. जयशंकर ने बताया विवाद का हल निकालने का सही तरीका
दिल्ली, भारत। इन दिनों का बजट का दूसरा चरण चल रहा है, इस दौरान आज बुधवार को लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन संकट पर बयान दिया।
युद्ध से विवाद का हल नहीं निकल सकता:
सदन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूक्रेन संकट पर कहा- युद्ध से विवाद का हल नहीं निकल सकता। विवाद का हल बातचीत एवं कूटनीति से होना चाहिए। भारत ने बूचा नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा की है। यूक्रेन मसले पर भारत की पहली राय यह है कि, हम इस संघर्ष के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि, 'खून एवं रक्तपात और निर्दोष लोगों के मारने से किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। आज के समय में किसी भी विवाद का हल निकालने का सही तरीका बातचीत एवं कूटनीति है।
कूटनीति के संदर्भ में भारत शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और हिंसा को समाप्त करने के लिए जबरदस्ती दबाव बना रहा है। हम यूक्रेन और रूस के बीच वार्ता को प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें उनके राष्ट्रपतियों के स्तर पर भी शामिल हैं। पीएम ने इस संबंध में उन दोनों से बात की है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
इसके अलावा विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने लोकसभा में ऑपरेशन गंगा पर भी बयान दिया और कहा- 20,000 लोगों को जिस तरह से हमने निकाला उस पैमाने पर किसी और देश ने अपने नागरिकों को नहीं निकाला। जिन देशों से मैंने बात की, मैं एक विदेश मंत्री की तरह बात कर रहा था। 90 विमानों की वापसी सुनकर मैं हैरान था। हम दूसरों को प्रेरणा दे रहे हैं। अगर हमारी एडवाइजरी अप्रभावी थी, तो संकट शुरू होने से पहले 4000 भारतीय नागरिक स्वदेश क्यों लौट गए। हम रोज कोई एडवाइजरी जारी नहीं करते हैं। अगर हम कहते हैं कि नागरिक वापस लौटें तो लोग इसे गंभीरता से लेते हैं। छात्र इसलिए नहीं गए कि क्योंकि वे छात्र हैं। छात्र अपने मित्र से अपने विश्वविद्यालय से बात करते हैं और छात्र सलाहकार टीवी देखते हैं। उन्हें लगा कि, अगर वे यूक्रेन छोड़ देंगे तो उनकी शिक्षा प्रभावित होगी। यह कहना कि, सभी को हटा दिया गया है, छात्रों की मानसिकता को समझने की कमी है।
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