Karnataka Election 2023: श्रीराम की मूर्ति पर चढ़कर चुनावी प्रचार? जानें क्या है मामला
राज एक्सप्रेस। भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी जिसकी नीव हमेशा से ही हिंदुत्व और सनातन धर्म रही है। भाजपा और उनके नेता अपने भाषणों में दुनियाभर में पीड़ित हिंदुओ की बात करते है यहीं नहीं जो भी व्यक्ति हिंदू देवी देवताओं का अपमान करता हैं उनका कड़ा विरोध कर उन्हें महज सोशल मीडिया से ही नहीं आर्थिक रूप से भी बॉयकॉट कर देती है। बहरहाल, क्या हो जब यहीं काम खुद भाजपा के नेता करे वो भी चुनाव के समय में? जी हां, कर्नाटक में चुनाव का माहौल है, सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने के लिए जोर–शोर से लगी हुई है लेकिन कर्नाटक के एक भाजपा विधायक शरणु सालागर का राम की मूर्ति पर चढ़कर फोटो खींचने का वीडियो सामने आया है जिसकी वजह से भाजपा का तीखा विरोध हो रहा है।
शरणु सालागर बिदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से विधायक है। उनका एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें वह प्रभु श्री राम जी की मूर्ति पर पैर रख और ऊपर चढ़कर फोटो खिंचवा रहे है। जब इस बात का विरोध सोशल मीडिया और विपक्षी नेताओं द्वारा किया गया तब विधायक ने अपने बचाव में जवाब दिया की पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा आग्रह किए जानें पर उन्होंने यह कार्य किया था, उनका मूर्ति पर पैर रखने का कोई इरादा नहीं था। बतादें कि, यह पहली बार नहीं है जब हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाली पार्टी के नेताओ द्वारा हिंदू भगवानों का अनादर किया गया हो। इसी महीने मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से इसी प्रकार के अनादर की घटना सामने आई थी जहां मंच पर भगवान हनुमान जी की मूर्ति को रखकर महिलाओं की बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता करवाई जा रही थी, जिसमे बहुत सी महिलाएं अर्धनग्न अवस्था में अंग प्रदर्शन कर रही थी। यह प्रतियोगिता रतलाम के महापौर और भाजपा नेता प्रहलाद पटेल द्वारा आयोजित की गई थी, जबकि इस देश में सभी हिंदू ही नहीं अन्य धर्म के लोगों को भी यह ज्ञात है कि भगवान हनुमान बाल ब्रह्मचारी है।
यहीं नहीं, पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड से भाजपा विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और मां दुर्गा के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा था कि जब विद्या मांगने की बारी आती है तो सरस्वती को पटाओ, शक्ति मांगनी हो तो दुर्गा को पटाओ, धन के लिए लक्ष्मी को पटाओ।
सोचने वाली बात यह है कि क्या भाजपा खुद को सनातन धर्म या हिंदू देवी देवताओं से बड़ा समझने लगी है क्योंकि कोई दूसरे धर्म या पार्टी का नेता ऐसा दुस्साहस करता है तो उसपर धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज हो जाता है लेकिन भाजपा के नेताओ का कुछ नहीं होता। यह सब देखने के बाद यही सवाल जनता के मन में आता है कि क्या यही है भाजपा का हिंदुत्व?
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