राजएक्सप्रेस। कहते हैं एक औरत में बहुत ताकत होती है और जब बात उसके बच्चों पर आ जाये, तो वो उनके लिए कुछ भी कर गुजरने की ताकत रखती है। इसी बात का परिचय देते हुए हैदराबाद की एक महिला रज़िया बेगम जो पेशे से एक स्कूल टीचर हैं, इन्होंने 1400 किलो मीटर का सफर अपनी स्कूटी ( टू-व्हीलर) से तय किया और बेटे निजामुद्दीन को आंध्र प्रदेश के निल्लोरे से हैदराबाद अपने घर ले आई हैं।
रज़िया बेगम ने पहले तो पुलिस से परमिशन लेटर लिया, जिसके बाद भी उन्हें रस्ते में कई जगह पूछ ताछ के लिए रोका गया। लेकिन उन्होंने किसी तरह प्राधिकारियों को मना कर अपना सफर जारी रखा और अपना लक्ष्य हासिल किया।
निजामुद्दीन निल्लोरे पंहुचा कैसे ?
रज़िया बेगम का बेटा हैदराबाद में ही एक इंटरमीडिएट स्टूडेंट है, जो साथ ही डॉक्टर बनने की तैयारी भी कर रहा है। निजामुद्दीन पिछले महीने अपने एक मित्र के साथ बोधन (तेलंगाना) गया हुआ था, जो निल्लोरे का रहे वाला था। अचानक निजामुद्दीन के मित्र को सूचना मिलती है कि उसके पिता की तबियत ख़राब है। वो दोनों ही 12 मार्च को निल्लोरे जाने के लिए निकल पड़े। अचानक लॉकडाउन होने के कारण निज़ामुद्दीन निल्लोरे में ही फस गया।
रज़िया के पास अपने बेटे को वापस लाने के लिए इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था। इसलिए इन्होंने बोधन के एसीपी जयपाल रेड्डी की मदद ली और अपनी टू-व्हीलर से ही निकल पड़ीं। रज़िया 7 अप्रैल को निल्लोरे पहुंची और बिना रुके, वहाँ से वापसी कर दी। रज़िया ने कहा- " मुझे अकेले जंगल के रास्तों से भी गुज़ारना पड़ा। लेकिन मुझे किसी चीज़ का डर नहीं था। मुझे बस मेरा बेटा वापस चाहिए था।"
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