तमिलनाडु में दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए दोबारा खुले स्कूल

कोरोना वायरस महामारी के कारण करीब 10 महीने के लंबे अंतराल के बाद तमिलनाडु में मंगलवार को दसवीं और बारहवीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल दोबारा खोले गये।
तमिलनाडु में दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए दोबारा खुले स्कूल
तमिलनाडु में दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए दोबारा खुले स्कूलSyed Dabeer Hussain-RE

चेन्नई, तमिलनाडु : कोरोना वायरस महामारी के कारण करीब 10 महीने के लंबे अंतराल के बाद तमिलनाडु में मंगलवार को दसवीं और बारहवीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल दोबारा खोले गये। अभिभावकों के हस्ताक्षर वाले एक पत्र के आधार पर विद्यार्थियों को कक्षाओं में बैठाया गया, जिसमें लिखा था कि वे अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए तैयार हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक मौजूदा शैक्षणिक सत्र की पहली ऑफलाइन कक्षा में भाग लेने के लिए विद्यार्थी बेहद उत्साहित दिखे। वे सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार स्कूल के बाहर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए फेस मास्क पहनकर एक लाइन में खड़े हुए। सरकार के आदेशानुसार शिक्षकों ने बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए मल्टी-विटामिन और ज़िंक की गोलियों के वितरण के साथ बच्चों का स्वागत किया।

स्कूल शिक्षा विभाग ने बताया कि सरकार ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत की कटौती की है। प्राथमिकता और वैकल्पिक विषयों के आधार पर पाठ्यक्रम को कम किया गया है। स्कूलों को प्राथमिकता वाले हिस्से पहले पूरा करने के लिए कहा गया है। विभाग ने रविवार शाम को संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया है।

इस संबंध में जारी एक सरकारी आदेश में इस तथ्य के बारे में बताया गया कि 95 प्रतिशत स्कूलों के मुताबिक अधिकतर अभिभावकों ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को फिर से खोलने पर सहमति जताई। ऐसे में मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करते हुए दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए अधिकतम 25 विद्यार्थियों के साथ स्कूल दोबारा खोले गए।

आदेश के मुताबिक स्कूलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के चार अधिकारियों वाले एक पैनल का गठन किया गया है। इसके अलावा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी स्कूलों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा है या नहीं।

उल्लेखनीय है कि गत दिनों पहले स्कूल शिक्षा मंत्री के. ए. सेनगोट्टैयन ने राज्य सरकार द्वारा पाठ्यक्रम को 40 प्रतिशत तक कम करने की घोषणा की थी, क्योंकि लॉकडाउन के कारण अधिकतर कार्य दिवस खत्म हो गए थे।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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