Kalki Bhagwan Income Tax Raid
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धर्मगुरू कल्कि भगवान के ठिकानों पर करोड़ों की अघोषित संपत्ति उजागर

बाबा रे बाबा, खुद को धर्मगुरू ‘कल्कि भगवान’ बताने वाले विजय कुमार नायडू के कारमाने देखिये, यहां IT द्वारा की गई छापेमारी में 500 करोड़ से भी ज्यादा की अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ।

हाइलाइट्स :

  • 'कल्कि भगवान' के ठिकानों पर IT का छापा।

  • 'कल्कि बाबा' का 500 करोड़ से ज्यादा की जायदाद का खुलासा।

  • आयकर विभाग ने 40 अन्य जगहों पर की छापेमारी।

  • छापे की कार्रवाई अभी भी जारी।

राज एक्‍सप्रेस। खुद को भगवान विष्णु का अवतार ‘कल्कि भगवान’ बताने वाले कथित धर्मगुरू के कारनामे सामने आए हैं, ये 'कल्कि बाबा' को भक्ति नहीं, बल्कि दौलत से प्‍यार था। आयकर विभाग की टीम द्वारा धर्मगुरू विजय कुमार नायडू के ठिकानों पर छापेमारी (Kalki Bhagwan Income Tax Raid) की गई, जिसमें अरबों की अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ। आयकर विभाग की टीम द्वारा की गई जांच में पता चला कि, उसके पास 500 करोड़ रूपये से भी अधिक की जायदाद है। हालांकि, छापे की कार्रवाई अभी भी चल रही है।

आयकर विभाग ने यह सामान किए जब्त :

  • 18 करोड़ रूपये के अमेरिकी डॉलर।

  • 88 किलो सोने के जेवरात, जिसकी कीमत 26 करोड़ रूपये आंकी गई।

  • 1271 कैरेट हीरा, जिसका मूल्य 5 करोड़ रूपये है।

इस संस्था के 40 ठिकानों पर छापेमारी :

आयकर विभाग ने 'कल्कि भगवान' कहने वाले धर्मगुरू विजय कुमार नायडू और उनके बेटे कृष्ण के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु स्थित ठिकानों पर छापा मारा, तीन दिनों तक चली आयकर विभाग की छापेमारी में खुफिया जानकारी मिली थी कि, ये संस्था अपनी कमाई को छिपा रही है। इसके बाद आयकर विभाग ने इस संस्था के 40 ठिकानों पर छापेमारी की। अध्यात्म, दर्शन का ट्रेनिंग प्रोग्राम और कोर्स चलाने वाले यह संस्थान देश-विदेश में भी निवेश कर चुका है। कई कंपनियां चीन, अमेरिका, सिंगापुर और यूएई में भी हैं।

बता दें कि, वहीं इससे पहले एक बीमा कंपनी में क्लर्क की नौकरी छोड़कर धर्मगुरू बने विजय पर जमीन हड़पने का आरोप भी लग चुके हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि, यह फर्जीवाड़ा वर्ष 2014-15 से ही चल रहा है और अभी तक करीब 409 करोड़ रूपये को इधर-उधर किया जा चुका है।

खुद को भगवान बताने वाला बाबा कौन :

दरअसल, 'कल्कि बाबा' उर्फ विजय कुमार (70) अपने आप को भगवान विष्णु का 10वां अवतार बताता है। 1980 में इसने जीवाश्रम नाम की संस्था बनाकर लोगों को वैकल्पिक शिक्षा मुहैया कराई। इसी दौरान इस व्‍यक्ति ने 'वननेस विश्वविद्यालय' भी खोला, आध्यात्मिक गुरू की कंपनियां कल्याण पाठ्यक्रम का संचालन करती हैं। इस आश्रम को विजय कुमार, उसकी पत्नी और उसका बेटा एनकेवी कृष्णा चलाता है। खुद को भगवान बताने वाला बाबा अध्यात्म से पहले यह LIC में क्लर्क भी रह चुका है।

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