नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर मौत मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने श्री थरूर को आरोपों से मुक्त करते हुए बांड भरने का भी निर्देश दिया। उधर, अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि उनके लिए पिछले साढ़े सात साल काफी मुश्किल भरे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लीला होटल में मृत पायी गयी थीं। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने श्री थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए तथा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2019 में श्री थरूर के खिलाफ श्रीमती पुष्कर को खुदकुशी के लिए उकसाने को लेकर हत्या का मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी। विशेष न्यायाधीश गोयल ने आज वर्चुअल तरीके से सुनवाई के दौरान श्री थरूर को बरी करने का फैसला सुनाया।
अदालत के फैसले से बढ़ा न्याय प्रक्रिया में विश्वास : थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर मौत मामले में अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि इससे न्याय प्रक्रिया में उनका विश्वास बढ़ा है। श्री थरूर ने बुधवार को यहां जारी आधिकारिक बयान में इस केस में उन्हें आरोपों से मुक्त किए जाने के फैसले पर विशेष न्यायाधीश गीतांजिल गोयल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा '' दिल्ली पुलिस ने मेरे ऊपर जो आरोप लगाए थे, उनसे आपने मुझे आरोप मुक्त कर दिया, इसके लिए मैं आपके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।" उन्होंने कहा '' पिछले साढ़े सात साल मेरे लिए मुश्किल भरे रहे हैं और इस दौरान मैंने बहुत पीड़ा सही है। अदालत के फैसले से न्याय व्यवस्था में मेरा विश्वास बढ़ा है।" श्री थरूर ने इस मामले में अदालत में उनका पक्ष रखने वाले वकीलों विकास पाहवा तथा गौरव गुप्ता को भी धन्यवाद किया और कहा कि इन दोनों ने अदालत में इस मामले जुड़े विभिन्न पहलुओं को सही ढंग से रखा।
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