राजस्थान हाईकोर्ट के 70% फीस वसूलने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

बीते साल राजस्थान हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूल की फीस को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए 70% फ़ीस लेने की अनुमति दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
राजस्थान हाईकोर्ट के 70% फीस वसूलने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
राजस्थान हाईकोर्ट के 70% फीस वसूलने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोकSocial Media

राजस्थान। कोविड-19 से रोकथाम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में पिछले साल लॉकडाउन लागू किया गया था। इस दौरान सभी प्राइवेट स्कूल बंद थे। साथ ही सभी पालकों का काम काज बंद रहा, कई को इस दौरान सेलरी नहीं मिली और कई को तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ गया था। ऐसे हालातों में पालकों को बच्चों के स्कूल की फीस को लेकर बड़ी चिंता सता रही थी, तब राजस्थान हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूल की फीस को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए 70% फ़ीस लेने की अनुमति दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक :

दरअसल, राजस्थान हाई कोर्ट के जज एसपी शर्मा ने प्राइवेट स्कूलों को 70% ट्यूशन फीस लेने का फैसला सुनाया था, लेकिन अब कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते जब अभिभावक पहले ही परेशान हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक न लगाते हुए अभिभावकों की चिंता और अधिक बढ़ा दी है। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस फैसले पर रोक लगाई है बल्कि, पैरेंट्स की तरफ से लगाई गई याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है। हालांकि, अभी इस मामले में राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला आना अभी बाकी। इस फैसले के बाद ही ये पता चल सकेगा कि पैरेंट्स को राहत मिली या उनकी मुश्किलें और बढ़ी हैं।

राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला :

बताते चलें, फ़िलहाल पैरेंट्स को अभी नहीं पता कि, उन्हें कितनी फीस देना होगी, लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक उन्हें 70% फीस देना था। राजस्थान हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि, ''स्कूल कुल फीस का 70% पेमेंट ले सकते हैं। ये पेमेंट वे तीन किस्तों में ले सकते हैं। बच्चों के माता-पिता को इसका भुगतान अगले साल 31 जनवरी तक तीन किस्तों में करना होगा।'' इसके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से जारी फैसले में साफ ये भी कहा गया है कि, ''यदि कोई पेरेंट्स यह फीस नहीं दे सकता है तो स्टूडेंट्स को दी जा रही ऑनलाइन क्लासेज रोकी जा सकती हैं, लेकिन उसका नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा।'' यह शर्त भी रखी गई थी कि, "प्राइवेट स्कूल राजस्थान सरकार की 28 अक्टूबर 2020 को लागू की गई सिफारिशों के मुताबिक ही फीस ले सकेंगे।"

प्राइवेट स्कूलों की याचिका :

बताते चलें, राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद प्राइवेट स्कूलों ने उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में पूरी फीस की मांग की गई थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इस मामलें में राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आदेश में कहा- 'हम चाहते हैं कि कोर्ट की गरिमा भी रहे और अभिभावकों के साथ भी कोई अन्याय न हो।'

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