सुप्रीम कोर्ट ने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन पर चिंता जाहिर
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सुप्रीम कोर्ट ने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन पर चिंता जाहिर कर दी यह अहम टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर इस मामले पर चिंता जाहिर करते हुए एक अहम टिप्पणी दी है व केंद्र सरकार से कोर्ट ने जवाब की मांग की।

 दिल्ली, भारत। भारत देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में धर्म परिवर्तन का मामला एक विवादित मुद्दा बनता जा रहा है। इस बीच आज सोमवार को धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की है और इस मामले को देश की सुरक्षा और नागरिकों को मिली धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर मामला करार दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 28 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा।

जबर्दस्ती किसी का धर्म बदला जाना चिंता का मामला है :

दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई है। इसी दौरान कोर्ट की ओर से प्रलोभन, धोखे या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन पर चिंता जाहिर करते हुए एक अहम टिप्पणी जारी करते हुए यह कहा गया है कि, ''जबर्दस्ती किसी का धर्म बदला जाना चिंता का मसला है, जो देश की सुरक्षा के साथ धार्मिक स्वतंत्रता को भी प्रभावित करता है।''

केंद्र सरकार से कोर्ट ने जवाब की मांग की :

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से जवाब की मांग करते हुए यह कहा- केंद्र मामले में हलफनामा दाखिल करे और बताए कि जबरन धर्मांतरण की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। वह मामले में दखल दे और इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रयास करें।

धर्म परिवर्तन नहीं रोका तो कठिन हालात बन सकते हैं :

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए यह बात भी कही है कि, ''यदि जबरन धर्म परिवर्तन को नहीं रोका गया तो कठिन हालात बन सकते हैं।''

सभी को धर्म चुनने का अधिकार है, अगर कोई स्वेच्छा से धर्मांतरण करता है तो उसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर उनको किसी भी दूसरे ढंग से धर्मांतरण कराया जाता है तो ये बहुत ही खतरनाक है। इस पर केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना होगा।

जस्टिस एमआर शाह

जस्टिस एमआर शाह और हिमा कोहली की बेंच ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि, ''इस तरह के प्रलोभनों के जरिए की जा रही प्रैक्टिस के खात्मे के लिए कदम उठाए जाएं।''

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