राज एक्सप्रेस। कोविड-19 से रोकथाम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया था। इस दौरान सभी प्राइवेट स्कूल बंद थे। साथ ही सभी पालकों का काम काज बंद रहा, कई को तो इस दौरान सेलरी भी नहीं मिली, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा ऐसे लोगों को स्कूल फीस में कोई रियायत नहीं दी गई। इसी के चलते पालकों ने लॉकडाउन के दौरान छात्रों को स्कूल फीस से छूट के लिए स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ याचिका दायर की थी। वहीं, अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला :
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए पालकों द्वारा दायर की गई याचिका पर विचार करने से भी मना कर दिया है। वहीं, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, पालकों को यह छूट पाने के लिए अपनी याचिका लेकर हाई कोर्ट जाना होगा। इस मामले की पैरवी कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के जरिए इस मामले की सुनवाई की।
पीठ का कहना :
जस्टिस की पीठ का कहना है कि, 'स्कूल फीस बढ़ाने से जुड़ा मामला राज्य के हाई कोर्ट में उठाया जाना चाहिए था तो, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में क्यों आया है? इस मामले में सभी राज्य और यहां तक कि सभी जिलों की समस्याएं अलग हैं।
पलकों के अधिवक्ता का कहना :
याचिका दायर करने वाले पालकों की तरफ से अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन और मयंक क्षीरसागर ने कहा कि, दरअसल, पंजाब और हरियाणा की हाई कोर्ट द्वारा स्कूलों को बढ़ी हुयी फीस लेने की अनुमति मिल गई है। इसलिए इन पालकों को सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेना पड़ा है। इस पर पीठ ने सलाह देते हुए कहा कि, यही ऐसी ऐसी स्थिति बनती है तो याचिकाकर्ता हाई कोर्ट के दिए गए आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, पीठ ने इस पर कोई भी फैसला सुनाने से इंकार करते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर विचार की इच्छुक नहीं है और याचिकाकर्ता चाहें तो याचिका वापस लेकर हाई कोर्ट में जा सकते हैं।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।