सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- विवादास्पद तीनों कानूनों पर लगाई अस्थायी रोक

किसानों द्वारा जारी विराध प्रदर्शन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए तीनों विवादास्पद कानूनों पर अगले आदेश तक लागू करने पर रोक लगाई और बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- विवादास्पद तीनों कानूनों पर लगाई अस्थायी रोक
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- विवादास्पद तीनों कानूनों पर लगाई अस्थायी रोकPriyanka Sahu -RE

दिल्‍ली, भारत। देश में कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन को करीब सवा महीने से अधिक समय होने को आया है, लेकिन इस पर घमासान अभी तक जारी है। हालांकि, अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। आज 12 जनवरी काे फिर सुप्रीम कोर्ट में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को चुनौती देने और दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में ये बड़ा फैसला लिया गया है।

तीनों कृषि कानूनों पर लगाई अस्थायी रोक :

दरअसल, आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी, जिनके खिलाफ किसान, विशेष रूप से उत्तर भारतीय राज्यों पंजाब और हरियाणा, दिल्ली सीमाओं पर नवंबर 2020 से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक इन तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है।

बातचीत के लिए बनाई एक कमेटी :

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए एक कमेटी भी बनाई है। इसमें भूपिंदर मान सिंह मान, प्रेसिडेंट, भारतीय किसान यूनियन, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, इंटरनेशनल पॉलिसी हेड, अशोक गुलाटी, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट और अनिल धनवत, शेतकरी संगठन को शामिल किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के रोक का कोई फायदा नहीं :

तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज लिए गए इस फैसले के बाद सिंघु बॉर्डर से एक किसान की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिसमें उनका ये कहना है, ''सुप्रीम कोर्ट के रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए। यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले। जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा।''

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