तबलीग़ी जमात बनी कोरोना का मरकज़

तबलीग़ी जमात मरकज़ (Tablighi Jamaat Markaz) में तबलीग़ का अर्थ धार्मिक प्रचार, जमात का मतलब अनुयायियों का समूह जबकि मरकज़ का तात्पर्य केंद्र से है।
कोरोना संक्रमण पुष्टि के बाद जांच के लिए जाते जमाती।
कोरोना संक्रमण पुष्टि के बाद जांच के लिए जाते जमाती।Social Media

हाइलाइट्स :

  • बचाव दल पर थूक रहे जमाती

  • जमात की करामात से देश में छाया संकट

  • पाकिस्तान में भी तबलीग़ी जमात का विरोध

राज एक्सप्रेस। भारत में तबलीग़ी जमात जलसा कोरोना वायरस बीमारी संक्रमण का मरकज़ बन गया है। मजहबी जलसा में जुटी जमात पूरे भारत पर कहर बनकर टूटी है। आलम यह है कि कोरोना के बाद तबलीग़ी, जमात और मरकज लफ्ज़ सबसे ज्यादा चर्चा का केंद्र हैं। संक्रमित जमातियों पर अब कोरोना संक्रमण बचाव कार्य बल से दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।

यूं सर उठाया :

भारत में लॉकडाउन लागू था, लेकिन इसे धता बताकर मज़हब के प्रचार के नाम पर दिल्ली में जुटी जमात के कारण कोरोना वायरस को देश में सर उठाने का मौका मिल गया। तबलीग़ी जमात सम्मेलन के कारण कोरोना का संक्रमण दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके से होकर देश के 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक जा पहुंचा।

जमात का गढ़ :

दक्षिण दिल्ली में स्थित तबलीग़ी जमात के वैश्विक गढ़ निज़ामुद्दीन मरकज़ मस्जिद या बंगले वाली मस्जिद तबलीग़ी जमात की जन्मभूमि भी है। इस मरकज़ में लॉकडाउन के बावजूद 2 हजार से ज्यादा जमातियों के जुटने की बात सामने आई है। इन जमातियों में एक सैकड़ा से अधिक के सैंपल कोरोना वायरस के टेस्ट में पॉजिटिव मिलने के बाद हाहाकर मच गया।

सभी को निकाला :

इस बीच तेलंगाना में कोरोना से संक्रमित छह लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने सख्ती से कदम उठाए। टेस्ट पॉज़िटिव मिलने पर मस्जिद से 2,100 जमातियों को निकालकर क्वारंटाइन किया गया। इनमें विदेशों से आए जमाती भी शामिल हैं। गौरतलब है तबलीग़ी जमात में देश-विदेश से आए करीब 4 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे।

Fir और तलाशी अभियान :

दिल्ली पुलिस ने कार्यक्रम आयोजक मरकज़ प्रशासन के नाम एफआईआर दर्ज की है। इस प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। अब पुलिस और प्रशासन कोरोना वायरस का मरकज़ बनी जमात के सभी सदस्यों को तलाश रही है, ताकि कोरोना के संक्रमण को और अधिक फैलने से रोका जा सके।

देश का दिल :

तबलीग़ी जमात में देश के दिल मध्य प्रदेश राज्य से भी बड़ी तादाद में अनुयायी शामिल हुए। देश की राजधानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया से भी जमाती पहुंचे। जानकारी के आधार पर प्रशासन ने ऐसे 80 लोगों की पहचान की है। इनमें से जिन 20 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है उनमें बुजुर्गों की तादाद ज्यादा है।

तमिलनाडु में आधा सैकड़ा :

तमिलनाडु सरकार के मुताबिक राज्य में 57 लोगों के कोरोना ग्रसित होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 50 लोग तबलीग़ी जमात में शामिल हुए थे। राज्य सरकार के मुताबिक कोरोना से जो पांच मौतें हुईं हैं वे सभी लोग जमात में शामिल होकर तमिलनाडु पहुंचे थे।

कितने जमाती थे?

तबलीग़ी जमात मरकज़ में शामिल हुए तमिलनाडु राज्य के 1500 जमातियों में से एक सैकड़ा से अधिक जमाती जांच में कोरोना वायरस संक्रमित मिले हैं। जम्मू कश्मीर के 850 में से 25, दिल्ली के 4 हजार जमाती में से 24, यूपी के 6, तेलंगाना के 49 संक्रमितों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकाबार द्वीप समूह से आए 9 जमातियों समेत मरकज से घरों को रवाना हो चुके अन्य जमातियों के कारण कई प्रदेशों में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।

दिल्ली मरकज़ में कई राज्यों से सैकड़ों की तादाद में जमाती शामिल हुए थे। बिहार में भी 30 लोगों की जांच की जा रही है। इसके अलावा विदेश के 281 लोगों ने भी जमात संग मरकज़ में हाजिरी लगाई। इन जमातियों में इंडोनेशिया, श्रीलंका, म्यांमार, मलेशिया, बांग्लादेश, फिजी, किर्गिस्तान, थाइलैंड से आए विदेशी भी शामिल हैं।

इन राज्यों का मरकज़ कनेक्शन :

मरकज़ में अंडमान, महाराष्ट्र, बिहार, असम, हिमाचल, हरियाणा, मेघालय, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड, राजस्थान, उत्तराखंड, यूपी, पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग शामिल होकर गृह ग्राम लौटे। इस वजह से अब तक 22 राज्यों से एक-एक कर कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो रही है। संक्रमण का मूल केंद्र दिल्ली का निज़ामुद्दीन क्षेत्र है। दिल्ली में आयोजन स्थल पर रुकने वाले जमातियों में से 24 लोग कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड हैं।

इनकी तलाश :

थाने में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट में मौलाना साद, डॉक्टर जीशान, मुर्सलीन सैफ़ी, सलमान, मोहम्मद अशरफ, यूनिस मोहम्मद, मुफ्ती शहजाद का नाम दर्ज है। दिल्ली और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ केंद्र और जिला प्रशासन की टीमें आरोपियों के साथ संक्रमितों के तलाशी अभियान में जी- जान से जुटी हैं।

ट्रेन-बस-होटल :

पुलिस और जिला प्रशासन मस्जिद में जुटने वाले जमातियों के पता ठिकानों के साथ ही उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तक खंगाल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि सफर के दौरान बस-ट्रेन में इनके संपर्क में आकर और भी लोग संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे लोगों को तलाश कर उनका पृथक्कीकरण कर इलाज करना सरकार का पहला लक्ष्य है।

पाकिस्तान में विरोध :

रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में सिंध प्रांत के मुहम्मद खान सूमरो गांव में तबलीग़ी जमात के जुटने पर स्थानीय लोगों ने चिंता जताते हुए कोरोना कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराई थी। दरअसल स्थानीय लोग रायविंड के सालाना जलसे में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने वाली घटना से खौफज़दा थे। गौरतलब है कि रायविंड में मार्च महीने के दौरान दो दिवसीय इंटरनेशनल जलसा हुआ था। लरकाना जिले में भी तबलीग़ी जमात को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है।

मतलब क्या है?

तबलीग़ी जमात मरकज़ (Tablighi Jamaat Markaz) में तबलीग़ का अर्थ धार्मिक प्रचार, जमात का मतलब अनुयायियों का समूह जबकि मरकज़ का तात्पर्य केंद्र से है।

तबलीग़ी जमात का अधर्म :

अव्वल तो प्रतिबंधात्मक तालाबंदी के बावजूद राष्ट्रीय नियम कायदों को धता बताकर तबलीग़ी जमात को मरकज़ में जुटाना फिर संक्रमितों को मरकज़ में पनाह देना ऐसे कई आरोप हैं जो आयोजकों पर लग रहे हैं।

अब जमात के संक्रमित सदस्यों के इलाज में जुटे कोरोना संक्रमण बचाव दल पर जमातियों द्वारा थूकने, अपशब्द कहने, प्रतिबंधित चीजें खाने के लिए मांगने, इलाज में सहयोग के बजाय अस्पताल परिसर में घूमने-फिरने के अलावा आत्महत्या का प्रयास तक करने की घटना सामने आ चुकी है। इससे जमात के चाल-चलन के संग नीयत के बारे में भी चर्चा का बाजार गरम है।

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