छात्र-छात्राओं के सपनों को साकार करने के लिए इनका मार्गदर्शन जरूरी

देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर चुके छात्र छात्राएं अब अपने कालेज और अन्य करियर विकल्पों को लेकर काफी उत्साहित हैं, ऐसे में इनका मार्गदर्शन जरूरी है।
छात्र छात्राओं के सपनों को साकार करने के लिए इनका मार्गदर्शन जरूरी
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राज एक्सप्रेस। देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर चुके छात्र-छात्राएं अब अपने कालेज और अन्य करियर विकल्पों को लेकर काफी उत्साहित हैं और अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं तथा ऐसे में इनका मार्गदर्शन बेहद जरूरी है।लेकिन अगर सही दिशा और मार्गदर्शन न मिले तो भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। केन्द्रीय मानव संसाधन शिक्षा मंत्रालय में बतौर सलाहकार रह चुके डॉ. राजेश नैथानी और एक अन्य शिक्षाविद् अक्षिता बहुगुणा की पुस्तक "प्रो. ड्रौउ की करियर कोचिंग" उसी भ्रम से निकालकर छात्रों को पेशेवर पाठ्यक्रमों के अलावा सभी व्यावहारिक करियर विकल्पों का पता लगाने में मदद करती है। इसके अलावा यह आवश्यक कौशल और मूल्यों पर प्रकाश डालती है जो एक बेहतर करियर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

दोनों लेखकों ने अपना पूरा अनुभव किताब में डाल इसे आज के युवाओं के लिए पठनीय योग्य बनाने का कार्य किया है। इस पुस्तक में ''प्रो. ड्रौउ" जो कि मेंढक के रूप में एक काल्पनिक चरित्र हैं को रचनात्मक रूप से उपयोग किया है जो अपने जीवन के अनुभव के माध्यम से छात्रों तथा अभिवावकों से संवाद स्थापित कर उनकी दुविधाओं को दूर करने का काम करता है। यह किताब न केवल छात्रों के लिए बल्कि भ्रमित माता-पिता के लिए भी करियर कोचिंग के बारे में है। इस पुस्तक में उन दुविधाओं को शामिल किया गया है जिनका सामना छात्रों और उनके माता-पिता को करियर विकल्पों के संबंध में निर्णय लेने में करना पड़ता है। आकांक्षी छात्रों और उनके माता-पिता का दिमाग अस्पष्ट और दलदल से भरा है जो यहां भ्रम का प्रतिनिधित्व करता है।

मेंढक रुपी प्रो. ड्रौउ भ्रम के दलदल में गोता लगाते हैं ताकि समाधान के साथ उसमें से निकल सकें। जिससे पाठकों को एक मनोरंजक कहानी के रूप में विषय को समझने का मौका मिले जो कि इस किताब की सबसे बड़ी खूबी है। पुस्तक दो भागों में विभाजित है, जिसमें पाँच अध्याय हैं। पुस्तक का पहला भाग छात्रों और अभिभावकों के उचित दृष्टिकोण के बारे में बात करता है जो कई दुविधाओं को जन्म देती है। यह भाग दिलचस्प कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को उनके अंदर गहराई में ले जा कर खुद को खोजने का प्रयास करता है।

पुस्तक में उन छात्रों के केस स्टडी को भी शामिल किया गया है जिन्हें प्रोफेसर ड्रौउ ने कोचिंग दी थी। ये वास्तविक अनुभवों को कहानी के रूप में बताया गया है। यह कहानियां पाठक को उनसे संबंधित होने और यह समझने में मदद करती हैं कि कैसे उचित निर्णय लिया जाए और एक सफल करियर का विकल्प ढूंढा जाए जो उनके करियर के विकास और स्वयं के संतोष के लिए एक जगह बना सके। पुस्तक का अंतिम भाग आत्म-निर्भरता की अवधारणा के बारे में बात करता है जो स्वयं और करियर निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण घटक के रूप में है। इस भाग में छात्रों को प्रेरित करने के लिए प्रसिद्ध और सफल व्यक्तियों की कहानियां हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली के मुद्दों पर चर्चा करते हुए मुद्दों को हल करने के लिए आत्मनिर्भरता को कौशल और मूल्य माना जाता है।

अध्याय में आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए आवश्यक विशेषताओं और आत्मनिर्भरता के प्रकार, बौद्धिक आत्मनिर्भरता, शारीरिक आत्मनिर्भरता, आर्थिक आत्मनिर्भरता और भावनात्मक आत्मनिर्भरता को शामिल किया गया है। यह उन सभी छात्रों के लिए आवश्यक है जो अपने करियर को तय नहीं कर पा रहे हैं अथवा अपने करियर को लेकर भ्रम की स्थिति हैं । युवाओं को उनके करियर को आकार देने में मदद करने के लिए माता-पिता और शिक्षकों के लिए, यह पुस्तक एक व्यापक गाइड है ।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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