छह स्तरीय एक्शन प्लान से होगी यमुना साफ
छह स्तरीय एक्शन प्लान से होगी यमुना साफSocial Media

अरविंद केजरीवाल ने बनाया यमुना को साफ करने का छह स्तरीय एक्शन प्लान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यमुना को फरवरी-2025 तक साफ करने के लिए छह स्तरीय एक्शन प्लान बनाया है और इस पर सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है।

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यमुना को फरवरी-2025 तक साफ करने के लिए छह स्तरीय एक्शन प्लान बनाया है और इस पर सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है।

श्री केजरीवाल ने आज कहा कि यमुना नदी सभी दिल्लीवालों को बहुत प्यारी है और यह हमारी लाइफ लाइन है, लेकिन यमुना बहुत गंदी हो रही है। दिल्ली के सारे नाले यमुना नदी के अंदर गिरते हैं। यमुना का पानी बहुत गंदा है। सभी दिल्लीवासी और देशवासी चाहते हैं कि दिल्ली से गुजरते वक्त यमुना साफ रहनी चाहिए। यमुना को इतना गंदा होने में 70 साल लगे। यह 70 साल का खराब किया हुआ सारा काम है, वह दो दिन में तो ठीक नहीं हो सकता है। मैंने जब इस बार दिल्ली का चुनाव लड़ा था, तब दिल्ली वालों से वादा किया था कि अगले चुनाव तक मैं यमुना का साफ कर दूंगा। अगले चुनाव से पहले मैं भी यमुना में डुबकी लगाउंगा और आप सब लोगों को भी यमुना के साफ पानी में डुबकी लगवाउंगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना को साफ करने के लिए हम लोगों ने पूरे जोर-शोर के साथ युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। यमुना को साफ करने के लिए विशेष तौर पर छह एक्शन बिंदु बनाए गए हैं और मैं इन छह एक्शन बिंदुओं पर लगातार निगरानी कर रहा हूं। दिल्ली की गंदगी में से काफी अन-ट्रीटेड हैं। यह सीवरेज बिना साफ किए यमुना में गिरा दिया गया है। इससे यमुना गंदी होती है। दिल्ली में 600 एमजीडी सीवरेज को साफ करने की क्षमता है, जबकि हमें 800 से 850 एमजीडी के करीब क्षमता चाहिए। हम सीवर ट्रीटमेंट के उपर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने दूसरे एक्शन बिंदु के बारे बताया कि दिल्ली में ऐसे बहुत सारे गंदे नाले बहते हैं, जो दिल्ली को गंदा करते हैं। यह गंदे नाले आगे जाकर यमुना में गिर जाते हैं। हम एक नई तकनीक का प्रयोग करके चार प्रमुख गंदे नालों का वहीं पर (इन-सीटू) सफाई कर रहे हैं। पानी को कहीं और नहीं लेकर जाना पड़ेगा। कुछ नालों को एसटीपी की तरफ डायवर्ट कर रहे हैं कि उनका सारा पानी एसटीपी में चला जाए और कुछ नालों को वहीं पर हम इन-सीटू सफाई कर रहे हैं। इसमें नजफगढ़ ड्रेन, बारापुला ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और गाजीपुर ड्रेन का इन-सीटू सफाई का पूरा काम शुरू हो गया है। तीसरा- औद्योगिक कचरा। कानूनी रूप में कागजों में तो लिखा होता है कि इसकी सफाई हो रही है, लेकिन व्यावहारिक रूप में होती नहीं है। बहुत सारी इंडस्ट्री सिर्फ कागजों में दिखा देती है कि उन्होंने कचरे को ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा है, लेकिन वे कचरे को चुपके से नाले में डाल देते हैं और फिर नाले के जरिए वह यमुना में आ जाते हैं। हम औद्योगिक कचरे पर भी नकेल सकेंगे। जितने भी अफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स हैं, जो काम सही से नहीं कर रहे हैं, उनको सही से काम करवाया जाएगा और जो भी इंडस्ट्री अपने कचरे को ट्रीटमेंट के लिए नहीं भेजेगी, उस इंडस्ट्री को बंद किया जाएगा।

उन्होंने चौथे एक्शन बिंदु के बारे में बताया कि दिल्ली में जितनी भी झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर्स हैं। इन झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर्स में जन सुविधा कॉम्प्लेक्स हैं। कुछ जगह पर टॉयलेट््स की गंदगी तो सीवर में जाती है, लेकिन कई जगहों पर यह गंदगी बारिश के पानी वाली नालियों में बहा दी जाती है। झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर्स की जितनी गंदगी है, वह सारी गंदगी अब सीवर में डाली जाएगी। पांचवां, बहुत सारे ऐसे इलाके हैं, जहां पर सीवर का पूरा नेटवर्क बिछा दिया गया है। लेकिन कई लोगों ने सीवर के कनेक्शन नहीं लिए हैं और वो अपने घर की गंदगी को सीधे नाली में बहा देते हैं। अब तक यह होता था कि जिस इलाके में सीवर का नेटवर्क सरकार लगाती थी और एक-एक घर को सरकार में सीवर कनेक्शन के लिए आवेदन करना पड़ता था। इसके बाद हम अनुमति देते थे और फिर सीवर की लाइन से अपने घर तक का कनेक्शन लेने की उसकी खुद की जिम्मेदारी होती थी, जो कि बहुत से लोग लेते नहीं थे। अब हमने तय किया है कि आपके घर से सीवर तक का कनेक्शन हम खुद ही लगा देंगे। अब किसी को इसके लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। हम खुद ही आपके घर तक सीवर का कनेक्शन लगा देंगे। इसका चार्ज भी हमने बहुत कम कर दिए हैं। जो भी नाममात्र का शुल्क होगा, उसे हम इंस्टॉलमेंट में पानी के बिल के साथ ले लेंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि पूरी ट्रांस यमुना एरिया (ईस्ट दिल्ली का इलाका) में पूरी तरह से सीवर नेटवर्क लग चुका है। लेकिन वहां से भी नालियों के अंदर बहुत ज्यादा गंदगी बह रही है, क्योंकि कई लोगों ने सीवर के कनेक्शन नहीं ले रखे हैं। वे लोग अपने घर की गंदगी नालियों में बहा देते हैं। अब दिल्ली सरकार उनके घर तक के सीवर कनेक्शन खुद लगाएगी। आगे से अब 100 फीसद सीवर के कनेक्शन दिल्ली सरकार लगाया करेगी। छठां- जितना भी हमारा मौजूदा सीवर नेटवर्क है, उस पूरे नेटवर्क में जिनती भी गंदगी है, उसकी डी-सिल्टिंग और पुनर्वास (रिहैबिलिटेशन) का काम शुरू कर दिया गया है, ताकि इसको मजबूत किया जा सके। यह छह बिंदुओं का एक्शन प्लान है, जिसके जरिए हमारे इंजीनियर्स और ऑफिसर्स को पूरी उम्मीद है कि हम फरवरी 2025 तक यमुना को जरूर साफ कर लेंगे। एक-एक बिंदु पर मेरी नजर रहेगी। हमने एक-एक बिंदु पर स्पेसिफिक माइलस्टोन बनाए हैं। अगले एक महीने में क्या काम होगा, अगले दो महीने में क्या काम होगा और अगले चार महीने में कितना काम होगा, इन सबके माइल स्टोन बनाए गए हैं। इस पर मैं कड़ी नजर रखूंगा और समय सीमा (टाइम लिमिट्स) के अंदर काम करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हम सब दिल्ली वालों का सपना पूरा होगा और यमुना साफ होगी।

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