जम्मू-कश्मीर, भारत। जम्मू में सैन्य ठिकानों पर एक के बाद एक लगातार ड्रोन नजर आ रहे हैं, जिसे देख यह कहा जा सकता है कि, आतंकी किसी बड़ी वारदात की साजिश रचने की फ़िराक में है। आज शुक्रवार तड़के फिर ड्रोन (Drone) की गतिविधि देखी गई और आज यह पांचवीं बार है, जब एक और ड्रोन को जम्मू के इलाकों में मंडराता देखा गया है। हालांकि, ड्रोन हमले के खतरे के मद्देनजर अलर्ट BSF जवानों ने पहले ही ड्रोन पर फायरिंग कर उसे भगा दिया।
BSF के जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग की :
सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बताया- अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन की गतिविधि देखी गई। बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग की। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने आज सुबह लगभग 4:25 बजे पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर पर फायरिंग की, जो अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करने की कोशिश कर रहा था। फायरिंग से हेक्साकॉप्टर तुरंत वापस चला गया।
आतंकियों ने अब ड्रोन को बनाया नया हथियार
बता दें कि, जम्मू-कश्मीर में पहले आतंकी इलाकों में घुसकर आतंक फैला रहे थे और अब पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने आतकं फैलाने के लिए अब ड्रोन को अपना नया हथियार बना लिया है, जिसके चलते लगातार ही सीमा पार आतंकी भारत में ड्रोन के जरिए हमला किए जाने की फिराक में हैं और जम्मू एयरपोर्ट पर ड्रोन से धमाकों के बाद लगातार कश्मीर में ड्रोन की गतिविधियां देखी जा रही है।
इधर, रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह स्पष्ट हो चुका है कि, कश्मीर में ड्रोन हमले में आतंकियों को ड्रोन उपलब्ध कराने और उसके संचालन का प्रशिक्षण देने में बाकायदा मदद प्रदान की गई है। ड्रोन की उपलब्धता आसान नहीं है, लेकिन यदि किसी प्रकार आतंकी ड्रोन हासिल कर भी लें, तो उसके संचालन के लिए प्रशिक्षण जरूरी है। खासकर जब कोई विस्फोटक उसके जरिये किसी लक्ष्य पर गिराया जाना है, किस समय ड्रोन उड़ाया जाना है, कैसे विस्फोटक में ब्लास्ट करना है तथा किस प्रकार उसे राडार की नजरों से बचाना है, यह कार्य एक प्रशिक्षित आतंकी ही कर सकता है। स्पष्ट है किए आतंकियों को तकनीक के साथ-साथ उसका प्रशिक्षण भी प्राप्त हो रहा है।
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