सर्जिकल स्ट्राइक और एक रैंक एक पेंशन के लिए याद किये जायेंगे पर्रिकर : राजनाथ सिंह

श्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान का दिवंगत नेता श्री पर्रिकर के नाम पर नामकरण करते हुए पट्टिका का अनावरण किया।
मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान का अनावरण करते राजनाथ सिंह
मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान का अनावरण करते राजनाथ सिंहSocial Media

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा है कि पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) को आतंकवादियों के ठिकाने पर सर्जिकल स्ट्राइक तथा सशस्त्र बलों के लिए एक रैंक एक पेंशन (One Rank One Pension) जैसे फैसलों के लिए लंबे समय तक याद किया जायेगा।

श्री सिंह ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान का दिवंगत नेता श्री पर्रिकर के नाम पर नामकरण करते हुए पट्टिका का अनावरण किया। इस मौके पर संस्थान का 57 वां स्थापना दिवस भी मनाया गया।

श्री पर्रिकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री के रूप में श्री पर्रिकर ने संस्थान के काम को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया था। उन्होंने कहा, "पर्रिकर जी को रक्षा से संबंधित मामलों की गहरी समझ थी और स्वदेशीकरण पर उनके आग्रह और राजनीतिक-सैन्य तालमेल के प्रयासों ने उन्हें एक अमूल्य संसाधन बना दिया। वे हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक विचारशील नेता थे। उरी की घटना के बाद 2016 के आतंकवाद विरोधी हमलों में उनके नेतृत्व और सशस्त्र बलों के हित में लिए गए 'वन रैंक वन पेंशन' के फैसले को लंबे समय तक याद किया जाएगा।"

संस्थान के 57वें स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए श्री सिंह ने संस्थान की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह संस्थान पिछले लगभग छह दशकों में रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय संबंध के क्षेत्र में एक अग्रणी थिंक टैंक के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा, "विचार-मंथन से निकले विचारों ने 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में निर्णयकर्ताओं की मदद की है। यह संस्थान अपने बड़ी संख्या में प्रकाशनों के माध्यम से लोगों तक पहुंचा है। यह अपनी गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।"

रक्षा मंत्री ने तेजी से बदलते वैश्विक सुरक्षा परि²श्य और कोविड-19 महामारी जैसे अ²श्य खतरों के मद्देनजर अधिक सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संस्थान को एक अमूल्य खजाना बताया, जो देश की रक्षा और सुरक्षा को नई दिशा प्रदान कर सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा, "आप सभी पारंपरिक युद्ध से लेकर गैर-संपर्क और हाईब्रिड वारफेयर और युद्ध की अन्य अवधारणाओं का अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा तो उच्च तकनीकी क्षमता, विविध कौशल वाली जनसंख्या और राष्ट्रीय आर्थिक ताकत के बल पर संभव होती है।"

श्री सिंह ने संस्थान से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्रों में अधिक गहराई से विचार करने का आह्वान किया, ताकि यह राष्ट्र के समग्र विकास में भी उपयोगी हो सके। उन्होंने संस्थान, विशेष रूप से विद्वानों को अनुसंधान और नीति निर्माण के क्षेत्र में नए विचारों के साथ आने और एक मजबूत तथा सक्षम भारत के निर्माण में योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर 100 किलोवाट ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना के तहत सरकारी भवनों पर सोलर रूफ-टॉप प्लांटों को बढ़ावा देने के लिए सोलर पावर प्लांट प्रोजेक्ट की स्थापना की गई है।

रक्षा मंत्री ने संस्थान के विद्वानों द्वारा लिखित पुस्तकों का भी विमोचन किया, जिसमें देश की रक्षा, सुरक्षा, विदेश नीति और सामरिक अनिवार्यताओं के लिए प्रासंगिक अनुसंधान संबंधी विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

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